कमल हासन ने वर्ष 2020 में भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव को बीच मोदी सरकार पर हमला किया और विवादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से सवाल करना देश में राष्ट्र विरोधी की श्रेणी पहुंचा देता है, जो ठीक नहीं है। कमल हासन ने कहा है कि केंद्र सरकार लोगों के साथ भावनात्मक रूप से खिलवाड़ न करें। उन्होंने कहा कि हम तब तक सवाल करते रहेंगे जब तक हमें पता नहीं चल जाता कि गलवान घाटी में उस दिन क्या हुआ था।
फरवरी 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए केंद्रीय सुरक्षा बल के काफिले पर फिदायीन हमले में 40 जवानों की शहादत पर अभिनेता कमल हासन के बयान से विवाद खड़ा हो गया था।
कमल हासन ने वर्ष 2017 में हिंदू उग्रवाद को लेकर भी तंज कसा। उनके इस तंज पर जमकर विवाद खड़ा हो गया। बीजेपी समेत कई हिंदू संगठनों के निशाने पर भी आए। दरअसल कमल हासन ने तमिल की मैगजीन में लिखा था कि पहले दक्षिणपंथी हिंदू हिंसा में शामिल हुए बिना बहस किया करते थे। जैसे ही उनकी ये चालबाजी काम नहीं आने लगी तो उन्होंने हिंसा का सहारा लेना शुरू कर दिया।
कमल हासन की फिल्म मेरसल में जीएसटी का मुद्दा उठाया गया था। इस फिल्म के जरिए कमल हासन ने जीएसटी की कड़ी आलोचन की थी। यही वजह रही कि फिल्म को लेकर विवाद हो गया। कमल हासन ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी सभी को है।
वर्ष 2019 में चुनाव के वक्त मदुरै में प्रचार के दौरान कमल हासन पर एक शख्स ने चप्पल फेंकी थी। दरअसल ये चप्पल कमल हासन के उस बयान के बाद फेंकी गई थी, जिसमें उन्होंने नाथूराम घोड़से को पहला हिंदू आतंकवादी बताया था।
कमल हासन जलीकट्टू को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाए बैन पर भी सवाल उठा चुके हैं। हासन ने जलीकट्टू का समर्थन करते हुए कहा था यह तमिल परंपरा का मामला है। अगर एनिमल एक्टिविस्ट जलीकट्टू से इतने परेशान हैं तो उन्हें बिरयानी को भी बैन कर देना चाहिए।