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जासूसी मामले में पत्रकार राजीव शर्मा को नहीं मिली राहत, अदालत ने आरोपों को माना गंभीर

 

पत्रकार पर सेना से जुड़ी गुप्त जानकारी चीनी एजेंसियों को मुहैया कराने का आरोप।
अदालत ने पत्रकार पर लगे आरोपों को गंभीर और संवेदनशील माना।

Sep 28, 2020 / 09:20 am

Dhirendra

पत्रकार पर सेना से जुड़ी गुप्त जानकारी चीनी एजेंसियों को मुहैया कराने का आरोप।

नई दिल्ली। देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा और उनके 2 सहयोगियों को फिलहाल अदालत से राहत मिलने की उम्मीद बहुत कम है। ऐसा इसलिए कि दिल्ली की एक अदालत ने सरकारी गोपनीयता कानून के तहत जासूसी मामले में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा को पुलिस हिरासत से न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया है।
जासूसी के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा के वकील आदिश अग्रवाल ने बताया कि न्यायाधीश ने इस मामले में दो सह आरोपियों चीनी महिला और नेपाली व्यक्ति को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हालांकि, रविवार की रात राजीव शर्मा को अदालत में पेश करते हुए जांच अधिकारी ने कहा था कि अब आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है।
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बावजूद इसके मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत ने पत्रकार राजीव शर्मा सहित एक चीनी महिला और एक नेपाली नागरिक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
अदालत ने जासूसी प्रकरण को माना गंभीर

इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने चीनी एजेंसियों को गुप्त जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार राजीव शर्मा की पुलिस हिरासत 7 दिन के लिए बढ़ा दिया था। 28 सितंबर को पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने से पहले अदालत ने इस मामले में सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अदालत के इस रुख से साफ है कि यह जासूसी प्रकरण संवेदनशील मामला है। इसलिए अदालत जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं सुनाना चाहती है।
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बता दें कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम ने पत्रकार राजीव शर्मा को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत पत्रकार राजीव शर्मा व उनके दो सहयोगियों के खिलाफ एक मामला दर्ज है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
लुटियन जोन में सक्रिय आरोपी पत्रकार के खिलाफ चीनी खुफिया एजेंसियों को भारत की सीमा रणनीति, सैन्य तैनाती और खरीद से जुड़ी संवेदनशील जानकारी मुहैया कराने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि अन्य दो आरोपी मुखौटा कंपनियों के जरिए शर्मा को बड़ी रकम का भुगतान कर रहे थे।

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