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हैदराबाद यूनिवर्सिटी में कन्हैया, मीडिया-बाहरी लोगों को प्रवेश नहीं

विश्वविद्यालय परिसर के सभी प्रवेश द्वार पर प्रशासन ने ताला जड़ दिया है एवं 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है

Mar 23, 2016 / 02:17 pm

Abhishek Tiwari

JNU Kanhaiya Kumar

हैदराबाद। देशद्रोह के आरोप में जेल से रिहा हुए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार बुधवार को हैदराबाद सेट्रल यूनिवर्सिटी पहुंचे। कन्हैया के पहुंचने से विश्वविद्यालय में एक बार फिर भारी तनाव का माहौल है। इन सबके बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने यहां पर मीडिया और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। विश्वविद्यालय परिसर के सभी प्रवेश द्वार पर प्रशासन ने ताला जड़ दिया है और 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मंगलवार के बवाल के बाद प्रशासन ने पहले ही सभी कक्षाएं सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी हैं। यहां तक कि कैंपस में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बंद कर दी गई है।

एआईएसएफ के एक सदस्य के मुताबिक जेएनयू छात्रों और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ कन्हैया हैदराबाद पहुंचे है। कन्हैया की रोहित वेमुला की खुदकुशी के मुद्दे पर होने वाले एक प्रदर्शन में हिस्सा लेने की योजना है और उनकी मां से भी मिलने का कार्यक्रम हैं। कन्हैया 25 मार्च को वापस दिल्ली आ जाएंगे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के एचसीयू की प्रस्तावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर रजिस्ट्रार एम सुधाकर ने कहा, ‘स्थिति को देखते हुए कक्षाएं 23 से 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई हैं। हमने मीडियाकर्मियों सहित किसी भी बाहरी शख्स के विश्वविद्यालय परिसर में आने पर प्रतिबंध का फैसला किया है। पुलिस ने बताया कि एहतियाती उपाय के तहत परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और पोडिले के आधिकारिक आवास के आसपास चौकियां स्थापित की गई हैं।

मालूम हो कि मंगलवार को कुलपति पी.अप्पा राव को उनके कार्यालय में छह घंटों तक कुछ छात्रों ने बंधक बनाकर रखा था और पुलिस के आने पर पथराव भी किया था। इसके बाद पुलिस ने करीब 25 छात्रों को हिरासत में ले लिया था। विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव के दो महीने की छुट्टी के बाद वापस लौटने का छात्रों ने जमकर विरोध किया। छात्रों ने कुलपति पर शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या का दोषी होने का आरोप लगाते हुए उनके आवास में ही बने दफ्तर में घुसकर तोड़फोड़ की और विश्वविद्यालय के इस शीर्ष अधिकारी को छह घंटे तक बंधक बनाए रखा। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किया और कुछ मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया।

आखिर में पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को वहां से हटाया। इस हंगामे के दौरान कथित रूप से एक महिला प्रोफेसर के सिर में चोट आई। कुलपति के संवाददाता सम्मेलन से कुछ मिनट पहले छात्रों ने उन पर हमला किया। कुलपति मीडिया को यह बताना चाहते थे कि उन्होंने अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। जब छात्रों को जानकारी मिली कि कुलपति अप्पा राव कार्यभार ग्रहण करने आ रहे हैं, तभी छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया। छात्रों ने राव की विश्वविद्यालय में वापसी को केंद्र सरकार का तानाशाही भरा रवैया करार देते हुए कहा कि राव को निष्कासित किया जाना चाहिए।

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