इस हमले की जिम्मेदारी भले ही द रजिस्टेंस फोर्स ने ली हो, पुलिस के हाथ जो सबूत लगे हैं वो साफ संकेत दे रहे हैं कि इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शामिल हैं।
कोरोना संकट के बीच रेस्त्रां ने तैयार किया मास्क पराठा, जानें इस पराठे की खासियत अनलॉक-2 में सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, अब काफी कम किराए पर मिलेगा सरकारी घर आइजी विजय कुमार के मुताबिक, यह हत्या एक सुनियोजित तरीके से की गई है। इस हमले के बाद भाजपा नेता के सभी 10 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उस सीसीटीवी फुटेज को हासिल किया है, जिसमें भाजपा नेता और उनके दो परिवार के सदस्यों को मारने से पहले आतंकवादी के मूवमेंट दिख रहे हैं। विजय कुमार ने कहा कि, सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद यह वारदात पूर्व सुनियोजित हमले की तरह लग रही है।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
आईजी ने बताया कि पुलिस स्टेशन के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे और घटनास्थल के पास लगे एक अन्य सीसीटीवी की फुटेज की हमने जांच की है। इस जांच में कई खुलासे हुए हैं। उन्होंने बताया कि फुटैज में हमलावर आतंकी साफ नजर आ रहे हैं। एक आतंकी स्थानीय है जिसका नाम आबिद है जबकि दूसरा पाकिस्तानी है।
आईजी ने बताया कि पुलिस स्टेशन के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे और घटनास्थल के पास लगे एक अन्य सीसीटीवी की फुटेज की हमने जांच की है। इस जांच में कई खुलासे हुए हैं। उन्होंने बताया कि फुटैज में हमलावर आतंकी साफ नजर आ रहे हैं। एक आतंकी स्थानीय है जिसका नाम आबिद है जबकि दूसरा पाकिस्तानी है।
आबिद ने दुकान में मौजूद वसीम, उनके भाई उमर सुल्तान और पिता बशीर शेख पर नजदीक से गोली चलायी। वहीं पाकिस्तानी आतंकी दुकान के बाहर मौजूद रहा है। वारदात को अंजाम देते ही दोनों फरार हो गए।
हाईब्रिड ग्रुप की करतूत
डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक यह एक ‘हाइब्रिड ग्रुप’ की करतूत लगती है। डीजीपी के मुताबिक ये योजना बनाकर किया हुआ काम है। हमला बांदीपोरा पुलिस स्टेशन से नजदीकी को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
आपको बता दें कि हाइब्रिड ग्रुप मॉड्यूल में, आतंकवादी गुट एक आतंकवादी समूह से दूसरे में जाते हैं। यही वजह है कि पहले इस हमले का शक जैश-ए-मोहम्मद पर भी गया था।
डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक यह एक ‘हाइब्रिड ग्रुप’ की करतूत लगती है। डीजीपी के मुताबिक ये योजना बनाकर किया हुआ काम है। हमला बांदीपोरा पुलिस स्टेशन से नजदीकी को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
आपको बता दें कि हाइब्रिड ग्रुप मॉड्यूल में, आतंकवादी गुट एक आतंकवादी समूह से दूसरे में जाते हैं। यही वजह है कि पहले इस हमले का शक जैश-ए-मोहम्मद पर भी गया था।
स्कैन हो रहा सीसीटीवी फुटैज
दरअसल इस मामले में ज्यादा सबूत जुटाने के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटैज को स्कैन करने में जुटी है। इस फुटैज के आधार पर ही दोनों आतंकियों की तलाश भी शुरू कर दी गई है। इस फुटैज में एक गंजा आदमी दिखाई दे रहा है जो हमले से ठीक पहले दुकान से बाहर निकल जाता है।
दरअसल इस मामले में ज्यादा सबूत जुटाने के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटैज को स्कैन करने में जुटी है। इस फुटैज के आधार पर ही दोनों आतंकियों की तलाश भी शुरू कर दी गई है। इस फुटैज में एक गंजा आदमी दिखाई दे रहा है जो हमले से ठीक पहले दुकान से बाहर निकल जाता है।