ये जानकारी उनके भाई रंजीत लाल ने दी। उन्होंने बताया कि सबरीना लंबे समय से बीमार थीं। बीमारी के चलते उनका अस्पताल आना-जाना लगा रहता था। शनिवार को घर में उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद सबरीना को अस्पताल ले गए। जहां रविवार को उनका निधन हो गया। सबरीना का अंतिम संस्कार सोमवार को दिल्ली में किया जाएगा।
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सबरीना लाल लंबे समय से लीवर सिरोसिस (लीवर सिकुड़ने लगता है) से पीड़ित थीं। इसके चलते उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। पारस अस्पताल गुरुग्राम में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि ऑर्गेन फेल होने की वजह से सबरीना लाल ने इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया। सबरीना के निधन की पुष्टि उनके भाई रंजीत लाल ने की है।
सबरीना लाल लंबे समय से लीवर सिरोसिस (लीवर सिकुड़ने लगता है) से पीड़ित थीं। इसके चलते उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। पारस अस्पताल गुरुग्राम में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि ऑर्गेन फेल होने की वजह से सबरीना लाल ने इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया। सबरीना के निधन की पुष्टि उनके भाई रंजीत लाल ने की है।
बहन की याद में शुरू करना था फाउंडेशन
पिछले वर्ष एक साक्षात्कार के दौरान सबरीना ने कहा था कि, महिलाओं की मदद करने के लिए अपनी बहन की स्मृति में वे एक फाउंडेशन शुरू करने की योजना बना रही हैं।
पिछले वर्ष एक साक्षात्कार के दौरान सबरीना ने कहा था कि, महिलाओं की मदद करने के लिए अपनी बहन की स्मृति में वे एक फाउंडेशन शुरू करने की योजना बना रही हैं।
सबरीना ने कहा था कि जेसिका अपने जीवन में बहुत ही खुश और सकारात्मक नजरिए वाली थी। ये सिर्फ उसके जन्मदिन और बरसी तक सीमित नहीं है कि मुझे उसकी कमी खलती हो, हर रोज मुझे उसकी कमी खलती है।
अपने घर में उसकी बहुत सी तस्वीर लगा रखी हैं और मैं उसे भूलना नहीं चाहती।
अपने घर में उसकी बहुत सी तस्वीर लगा रखी हैं और मैं उसे भूलना नहीं चाहती।
ये था मामला
जरअसल वर्ष 1999 में दिल्ली स्थित एक रेस्तरां में जेसिका लाल की हत्या कर दी गई थी। इस वारदात को तत्कालीन कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वसिष्ठ ने अंजाम दिया था।
जरअसल वर्ष 1999 में दिल्ली स्थित एक रेस्तरां में जेसिका लाल की हत्या कर दी गई थी। इस वारदात को तत्कालीन कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वसिष्ठ ने अंजाम दिया था।
यह भी पढ़ेंः मेघालय में हिंसा के बाद सीएम के घर पर पेट्रोल बम से हमला, गृह मंत्री लखन रिंबुई ने दिया इस्तीफा सात साल चले मुकदमे के बाद 21 फरवरी 2006 को मनु शर्मा और अन्य कई लोगों को बरी कर दिया गया। इसके बाद मीडिया का दबाव बढ़ा तो अभियोजन पक्ष ने अपील की और दिल्ली हाई कोर्ट ने कार्यवाही का आयोजन फास्ट ट्रैक पर दैनिक सुनवाई के साथ 25 दिनों तक किया।
निचली अदालत के फैसले को कानूनन दोषपूर्ण पाया गया और मनु शर्मा को जेसिका लाल की हत्या करने का दोषी पाया गया। 20 दिसंबर 2006 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
पिछले ही वर्ष जेल में अपने अच्छे बर्ताव के चलते मनु शर्मा को रिहा कर दिया गया।
पिछले ही वर्ष जेल में अपने अच्छे बर्ताव के चलते मनु शर्मा को रिहा कर दिया गया।