खास बात यह है कि यहां करीब आधा दर्जन स्कूलों में बच्चे पढ़ रहे थे, तभी आतंकियों ने हमला कर दिया। पाकिस्तानी सेना द्वारा बिना किसी उकसावे के नियंत्रण रेखा के पास तीव्र मोर्टार शेलिंग और छोटे हथियारों से फायरिंग की जा रही है।
बताया जा रहा है कि सेना के जवान उनका मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। कई बच्चे स्कूलों में फंसे हुए तो कई लोग भी आस-पास की इमारतों में कैद हो गए हैं। बदल रहा है मौसम का मिजाज, देश के इन राज्यों में ठंडी हवाओं के साथ होगी झमाझम बारिश
भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की और फायरिंग का भी जवाब दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, मननोट सेक्टर से तेरकुंडी के पास बलनोई से लगभग 50 किलोमीटर सीमा के साथ लगभग 50-60 गांव गोलाबारी से प्रभावित थे।
सभी बच्चे एक कमरे में बंद
पाकिस्तानी सैनिकों ने एलओसी के किनारे रहने वाले नागरिक आबादी को निशाना बनाया। सरकारी हाई स्कूल, सैंडॉट में एक शिक्षक ने कहा, ‘हमने छात्रों को एक कमरे में स्थानांतरित कर दिया है और उन्हें दीवारों में से एक के पीछे ले जाने को कहा है।’
पाकिस्तानी सैनिकों ने एलओसी के किनारे रहने वाले नागरिक आबादी को निशाना बनाया। सरकारी हाई स्कूल, सैंडॉट में एक शिक्षक ने कहा, ‘हमने छात्रों को एक कमरे में स्थानांतरित कर दिया है और उन्हें दीवारों में से एक के पीछे ले जाने को कहा है।’
स्कूल की इमारत के 50 मीटर के दायरे में कम से कम आधा दर्जन मोर्टार के गोले दागे गए हैं। लोगों के मुताबिक सैंडॉट स्कूल के अलावा, अन्य शैक्षणिक संस्थान जो प्रभावित हैं उनमें गवर्नमेंट मिडिल स्कूल बेहरोट और प्राइमरी स्कूल लंजियोट है।
गोलीबारी के बाद, प्रशासन को बच्चों को बचाने के लिए कई फोन आए। पुंछ के उपायुक्त राहुल यादव ने बताया कि बालाकोट इलाके में पांच-छह स्कूल मोर्टार की गोलाबारी और छोटे हथियारों से प्रभावित थे।
यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि स्कूलों ने सुबह 8 बजे कक्षाएं शुरू कीं और पाकिस्तानी गोलाबारी शुरू होने के बाद बच्चे और कर्मचारी फंस गए। प्रशासन ने गोलाबारी बंद होते ही बचाव अभियान शुरू किया। बताया कि इस बीच, बालाकोट इलाके में एक वाहन और एक पशु शेड क्षतिग्रस्त हो गया।
हालांकि, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।