नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर ( jammu kashmir ) पर केंद्र की मोदी सरकार ( Modi govt ) ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस फैसले के तहत गृहमंत्री अमित शाह ( Home Minister Amit Shah ) ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार का संकल्प पत्र पेश किया। शाह ने कहा कि कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) के प्रावधान हटा दिए गए हैं। अब इसके सभी खंड लागू नहीं होंगे।
सरकार के फैसले के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अब पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। वहीं लद्दाख को भी जम्मू-कश्मीर से अलग कर इसे भी केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है।
केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। साथ ही यहां पर अनुच्छेद 370 को भी खत्म कर दिया गया है। आईए 10 पॉइंट में समझें इस ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर को क्या मिला और क्या उससे छिना।
1. राष्ट्रपति के पास अधिकारः केंद्र सरकार के नए फैसले के मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर पर सविंधान की धारा 356 लागू होगी। इसके मुताबिक राष्ट्रपति के पास प्रदेश की सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा।
2. भारतीय संसद के बढ़े अधिकारः अब तक घाटी में रक्षा, विदेश मामले, और संचार के अलावा भारतीय संसद को किसी भी कानून को बनाने के लिए अधिकार नहीं था। भारतीय संसद को इसके लिए राज्य की सरकार से अनुमोदन कराना होता था। लेकिन अब भारतीय संसद के अधिकार बढ़ जाएंगे, अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी।
3. पांच साल ही चलेगी सरकार: अब तक जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 साल चलता था। लेकिन नए बदलाव के बाद ये कार्यकाल अन्य राज्यों की तरह 5 साल का होगा।
4. अल्पसंख्यकों को मिलेगा आरक्षणःआर्टिकल 370 लागू होने के कारण वहां अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलते थे जो अब मिलेगें।
5. लागू होगा RTI: आर्टिकल 370 लागू होने की वजह से कश्मीर में आरटीआई कानून नहीं लागू होता, यानी वहां की जानकारी हासिल नहीं की जा सकती थी। लेकिन अब नए बदलाव के तहत यह भी संभव होगा।
6. नीति निदेशक होंगे लागूः आर्टिकल 370 के कारण जम्मू कश्मीर में राज्य के नीति निदेशक तत्व नहीं लागू होते थे। अब यह भी आसानी से लागू हो सकेगा। 7. खत्म होगी दोहरी नागरिकताः आर्टिकल 370 हटते ही जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को मिलने वाली दोहरी नागरिकता भी खत्म हो जाएगी।
8. ध्वज और प्रतीकों का अपमान अपराधः जम्मू-कश्मीर में देश के राष्ट्रीय ध्वज व प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं माना जाता था, लेकिन 370 हटने से देश के बाकी हिस्सों की तरह यहां भी ये गतिविधियां अपराध की श्रेणी में आएंगी।