मोहम्मद आमीन उर्फ जहांगीर सरूरी और उसके दो साथी रियाज अहमद उर्फ हजारी और मुदस्सिर हुसैन किश्तवाड़ में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश में लगे हैं। किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरमीत सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘जहांगीर सरूरी की अगुआई में तीनों स्थानीय आतंकवादी हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य हैं।’
उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र के जंगली हिस्से में सक्रिय हैं। पोस्टरों पर तीनों आतंकवादियों की तस्वीरें छपी हैं। पोस्टरों पर लिखा है कि सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। पोस्टर पर दो फोन नंबर भी दिए गए हैं, जिन पर पुलिस को सूचना दी जा सके।
नब्बे के दशक के शुरुआत में जम्मू क्षेत्र में चेनाब घाटी आतंक का गढ़ थी। लेकिन एक दशक पहले यहां आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया और दो जिले -डोडा और किश्तवाड़- आतंकवाद से मुक्त घोषित कर दिए गए थे।
लेकिन किश्तवाड़ में भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार पर 2018 को उनके घर के बाहर हमला हुआ।
इसके बाद इसी साल नौ अप्रैल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता चंद्रकांत शर्मा और उनके सुरक्षाकर्मी की हत्या कर दी गई, जो इलाके में आतंकियों के फिर से सक्रिय होने के संकेत दे रहे थे।
एसएसपी हरमीत सिंह ने कहा, ‘जहांगीर सरूरी और उसके सहयोगी कई हत्याओं में मुख्य आरोपी हैं।’आतंकवादियों को पकड़वाने का आवाह्न करने वाले पोस्टरों से संकेत मिलता है कि पुलिस क्षेत्र में आतंकवाद को फिर से दोबारा नहीं पनपने देना चाहती है। यह क्षेत्र एक दशक से भी ज्यादा समय से शांत है।