लेकिन इसरो अपने अगले प्रोजेक्ट की तैयारी में जी जान से जट गया है। इस बीच ISRO ने बड़ी ऐलान किया है।
इसरो सूत्रों के अनुसार यह स्पेस स्टेशन अगले 5 से 7 साल में अपना स्पेस स्टेशन बन कर तैयार हो जाएगा। इसरो को अगर इस प्रोजेक्ट में सफलता मिलती है तो अमरीका, चीन और रूस के बाद स्पेस स्टेशन बनाने वाला भारत चौथा देश होगा।
दुनिया में हमेशा याद रहेगा यह मून मिशन, लीक हो गई थी चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों की बातचीत
इसरो के अनुसार 20 टन के वजन वाले स्पेस स्टेशन के लिए गगनयान मिशन की जरूरत पर बल दिया गाय है। यह गगनयान मिशन 2021 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
इस मिशन के बाद भारत अंतरिक्ष में अपने अंतरिक्ष यात्री उतारने की क्षमता हासिल कर लेगा। इस स्पेस स्टेशन का डिजायन कुछ इस तरह से तैयार किया गया है कि इसमे 3 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी।
इसरो का यह स्टेशन अर्थ ऑर्बिट यानी धरती से लगभग 120 से 140 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगाएगा।
चांद पर कदम रखते ही तेज हो गईं थी नील आर्मस्ट्रॉन्ग की धड़कनें, ऐसे पाया था काबू
इसके साथ ही अंतरिक्ष में अगले साल स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रयोग के लिए इसरो एक पीएसएलवी रॉकेट की मदद से 2 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजेगा।
चंद्रमा की उत्पत्ति के कारणों की खोज में जुटे वैज्ञानिक, अंतरिक्ष के रहस्यों से भी उठेगा पर्दा
इसरो प्रमुख ने बताया कि ये दोनों सैटेलाइट मॉड्यूल कुछ इस तरह से डिजाइन किए जाएंगे कि अंतरिक्ष में रॉकेट से बाहर आने के बाद ये एक दूसरे से जुड़ पाएंगे।
इसरो चीफ ने बताया कि इनके जुड़ने की प्रक्रिया ठीक उसी तरह होगी, जैसे बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के समय एक ईंट को दूसरी ईंट से जोड़ा जाता है।