नई दिल्ली। मिशन चंद्रयान 2 को लेकर अब तक उम्मीदें बरकार है। इसरो चांद की सतह की कुछ तस्वीरें जारी की है, जिसमें चांद की सतह पर बड़े और छोटे गड्ढे साफ दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि अपने सौर पैनलों की मदद से विक्रम फिर काम शुरू कर सकता है।
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के हाई रिजोल्यूशन कैमरे से चांद की खींची तस्वीरें जारी की है। इस हाई रिजोल्यूशन कैमरे ने चंद्रमा के सतह की तस्वीर भेजी है। इस तस्वीर में चंद्रमा के सतह पर बड़े और छोटे गड्ढे नजर आ रहे हैं। इसरो का साफ कहना है कि आर्बिटर में मौजूद आठ पेलोड ने चांद की सतह पर मौजूद तत्वों को लेकर कई सूचनाएं भेजी हैं।
आर्बिटर चांद की सतह पर मौजूद आवेशित कणों का पता लगा रहा है। ऑर्बिटर के पेलोड क्लास ने अपनी जांच में चांद की मिट्टी में मौजूद कणों के बारे में पता लगाया है। इसरो का कहना है कि सूरज की तेज रोशनी में मौजूद एक्स किरणों की वजह से चांद की सतह चमक उठी।
इतना ही नहीं विक्रम लैंडर को लेकर एक बार फिर उम्मीद की किरणें जाग उठी हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अपने सौर पैनलों की मदद से विक्रम फिर काम शुरू कर सकता है। दरअसल, चांद पर शनिवार से दिन की शुरुआत हो रही है। ऐसे में विक्रम को लेकर कोई अच्छी खबर आने की उम्मीद बढ़ गई है। वहीं, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा है कि चांद के आसमान में चक्कर लगा रहा चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सोडियम, कैल्शियम, एल्युमीनियम, सिलिकॉन, टाइटेनियम और लोहे जैसे महत्वपूर्ण खनिज तत्वों का पता लगाने के लिए काम कर रहा है।
हालांकि, नासा ने साफ कहा है कि उसे अभी तक कोई डाटा नहीं मिला है। अगामी 17 अक्टूबर को नासा का LRO फिर उस जगह से गुजरेगा, जहां विक्रम लैंडर क्रैश हुआ था। आज से चांद पर दिन की शुरुआत हो जाएगी। अब देखना यह है कि इसरो इस बार विक्रम से संपर्क स्थापित करने में कामयाब होता है या नहीं।