अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार भारत के चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर विक्रम संभवत: काली परछाई में छिप गया है।
इसरो का यह मिशन 100 प्रतिशत भले ही सफल न हो पाया हो, बल्कि अमरीका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा चौथा देश बन गया है जिसने चांद पर अपना यान उतारा।
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आपको बता दें कि इससे पहले इसरो बड़े-बड़े प्रोजेक्ट को सही अंजाम तक पहुंचाने में सफल हो चुका है। इससे पहले 2014 में मंगलयान लॉंच किया था, जो बेहद सफल रहा था।
केवल 450 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ यह मंगलयान 24 सितंबर 2014 से ही मंगल के चक्कर लगा रहा है।
इस दौरान इसने मंगल की सतह, वहां की घाटियों, पहाड़ियों, बादलों और वहां उठने वाले धूल के तूफान की शानदार तस्वीरों के साथ महत्वपूर्ण डेटा भी उपलब्ध कराया।
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यह मंगलयान तीन दिन में चांद का एक चक्कर लगाता है। एक रिपोर्ट की मानें तो यह अब तक मंगल की 1000 से अधिक तस्वीरें भेज चुका है।
जिसका अध्यक्ष दुनियाभर के वैज्ञानिक इस लाल ग्रह के अध्यन के लिए कर रहे हैं।
कमाल की बात यह है कि यह पिछले पांच सालों से मंगल की कक्षा के चक्कर लगा रहा यह मंगलयान अभी तक थका नहीं है और अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहा है।