इस साल के अंत में भारतीय स्पेस एजेंसी का पहला मानवरहित मिशन लॉन्च होगा। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने रविवार को ब्राजील के अमेजोनिया-1 समेत 19 सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग के बाद वैज्ञानिकों को संबोधित किया। इस मौके पर सिवन ने कहा, इस साल हम काफी व्यस्त रहने वाले हैं।
पीएम मोदी ने जानिए कौनसी वैक्सीन लगवाई, जिसको लेकर लगातार सवाल उठाता रहा विपक्ष 6 सैटेलाइट मिशन शामिल
हमारे हाथ पूरी तरह भरे हैं। हम करीब 14 मिशन इस साल लॉन्च करेंगे। इनमें से सात लॉन्च व्हीकल मिशन, जबकि छह सैटेलाइट मिशन होंगे।
हमारे हाथ पूरी तरह भरे हैं। हम करीब 14 मिशन इस साल लॉन्च करेंगे। इनमें से सात लॉन्च व्हीकल मिशन, जबकि छह सैटेलाइट मिशन होंगे।
गगनयान मिशन से पहले दो मानवरहित अंतरिक्ष मिशन भेजने की योजना में इसरो जुटा हुआ है। गगनयान मिशन के तहत तीन भारतीय को 2022 तक अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके लिए चार टेस्ट पायलट का चयन हो चुका है और उनकी ट्रेनिंग भी रूस में चल रही है।
लक्ष्यों को हासिल करने का भरोसा
सिवन ने भरोसा जताया कि उनकी टीम इस साल अपने सभी लक्ष्यों को हासिल करेगी। इसरो प्रमुख ने कहा, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संगठन के सभी केंद्रों पर न्यू नॉर्मल नियम लागू किए गए हैं।
सिवन ने भरोसा जताया कि उनकी टीम इस साल अपने सभी लक्ष्यों को हासिल करेगी। इसरो प्रमुख ने कहा, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संगठन के सभी केंद्रों पर न्यू नॉर्मल नियम लागू किए गए हैं।
चूंकि हम अभी कोरोना महामारी से उबर नहीं पाए हैं, लिहाजा मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि कर्मचारियों की सुरक्षा से समझौता किए बिना हम अपने काम को अंजाम दें। सतीश धवन स्पेस सेंटर पर कोविड-19 के मद्देनजर मीडिया का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था। साथ ही रॉकेट लॉन्चिंग दर्शकदीर्घा को भी बंद रखा गया था।
लॉन्च का लाइव प्रसारण दूरदर्शन के अलावा इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर किया जा रहा है। छात्रों के बनाए सैटेलाइट से मिलेगा प्रोत्साहन
सतीश धवन स्पेस सेंटर ने रविवार को पीएसएलवी-सी51 से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए गए सैटेलाइट में से चार का निर्माण छात्रों ने किया है।
सतीश धवन स्पेस सेंटर ने रविवार को पीएसएलवी-सी51 से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए गए सैटेलाइट में से चार का निर्माण छात्रों ने किया है।
इसरो मुख्यालय की ओर से बताया गया, चेन्नई के स्पेस किड्ज इंडिया का सतीश धवन सैट एक नैनो सैटेलाइट है, जिसका उद्देश्य रेडिएशन स्तर, अंतरिक्ष के मौसम का अध्ययन करना और लंबी दूरी की संचार प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करना है।
इस अरबपति को पछाड़ कर एक बार फिर मुकेश अंबानी बने एशिया के सबसे अमीर शख्स, जानिए अब कितनी हुई कुल संपत्ति वहीं तीन सैटेलाइट (यूनिटीसैट) को जेप्पियार इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, श्रीपेरंबदूर (जेआईटीसैट), जी एच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नागपुर (जीएचआरसीईसैट) और श्रीशक्ति इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर (श्री शक्तिसैट) के बीच संयुक्त विकास के तहत डिजाइन और निर्मित किया गया है।
यूनिटीसैट का उद्देश्य रेडियो रिले सेवाएं प्रदान करना है।