दिल्ली पुलिस अब जहां एक तरफ इस मामले में शामिल कथित आरोपियों के स्केच बनवाने की तैयारी में है वहीं दूसरी तरफ इस बम धमाके से किसान आंदोलन की सुरक्षा को भी बड़ा खतरा पैदा हो गया है। देर रात तक दिल्ली पुलिस की टीमें विभिन्न जगहों पर तलाशी और छापेमारी का काम कर रही थी।
इजरायल दूतावास के बाहर हुए धमाके को लेकर पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग, घटना स्थल से मिला एक खास लिफाफा ऐसे हुआ धमाकादिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम को मिली जानकारी के मुताबिक एक चलती कार से इजरायल एंबेसी से मात्र 150 मीटर की दूरी पर एक पैकेट फेंका गया और उसके बाद उस पैकेट बम धमाका हुआ।
शुरुआती जांच में कहा गया है कि यह बम मार्केट में मिलने वाली चीजों से तैयार किया गया था। देर रात दिल्ली पुलिस कमिश्नर भी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से देर रात तक चली जांच का ब्योरा लिया।
आरोपियों के बनाए जा रहे स्केच
जांच कर रही टीम के हाथ तीन सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें से मिले अहम सुरागों के आधार पर पुलिस आरोपियों के स्केच बनवा रही है। दरअसल दिल्ली पुलिस की कोशिश है कि कार में मौजूद लोगों के कद काठी और चेहरे का एक अनुमान मिल जाए। दिल्ली पुलिस को लगता है कि कार की नंबर प्लेट की जानकारी भी उन्हें मिल सकती है लिहाजा आसपास के सीसीटीवी को भी खंगाला जा रहा है।
ब्लास्ट का 29-29 कनेक्शन
इजरायल दूतावास के बाहर हुए धमाके के पीछे किसका हाथ है, किस संगठन ने इसकी साजिश रची इन सब सवालों का जवाब तो जांच के बाद ही सामने आएगा। लेकिन इस धमाके का 29 कनेक्शन खास है।
दरअसल भारत और इजरायल की कूटनीतिक दोस्ती के 29 साल पूरे हुए हैं। 29 तारीख को ही बीटिंग रिट्रीट भी था, और टाइम चुना गया 5.05 मिनट। यह वह समय है जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के लिए विजय चौक पहुंच रहे थे।
आपको बता दें कि राजधानी के अति सुरक्षित समझे जाने वाले वीआईपी जोन में शुक्रवार की शाम 5:05 पर हुए धमाके ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था की कलई खोल दी है। यह धमाका उस समय हुआ जब धमाके से मात्र 1 किलोमीटर से कुछ दूरी पर बीटिंग द रिट्रीट का प्रोग्राम चल रहा था और इस कार्यक्रम के पहले सुरक्षा एजेंसियों ने आसपास के इलाकों की सघन तलाशी तो ली थी साथ ही चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात थी जिससे परिंदा भी पर न मार सके।