नई दिल्ली। कई बार लोग जब IRCTC की वेबसाइट पर टिकट बुकिंग करने की कोशिश करते हैं, तो उसमें ‘नो रूम’ शो होता है। हर बार ऐसा ज्यादा विजिटर्स की वजह से नहीं होता है। कई बार हैकर्स के कारण साइट पर नो रूम दिखाई देता है। दरअसल, गैरकानूनी सॉफ्टवेयर बेचने वाली कई साइट्स का पता चला है। इन साइट्स का दावा है कि 10 से 20 सेकंड में पहला पीएनआर जनरेट कर लिया जाता है। रेलवे के शीर्ष अधिकारी इस मामले में मिल रही शिकायतों के बाद इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तरह के सॉफ्टवेयर की ऑनलाइन बिक्री ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर रेलवे की वेबसाइट IRCTC कितनी सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी की साइट को हैक करने वाला सॉफ्टवेयर उस एजेंसी के अधिकारियों की मदद के बिना डेवलप नहीं किया जा सकता, जो आईआरसीटीसी के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करती है। बताया जा रहा है कि जो सॉफ्टवेयर दो टिकट बुक कर सकता है, उसकी मासिक कीमत 2000 रुपए है। वहीं, चार टिकटों की बुकिंग करने वाले सॉफ्टवेयर की फीस 2400 रुपए, छह टिकट की 2800 रुपए और 12 टिकटों की कीमत 4400 रुपए है।