विविध भारत

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने बनाए दो विश्व रिकॉर्ड

पैंतीस मिनट तक 37 हजार योगाभ्यासियों और 21 आसनों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में रविवार को प्रथम अंतररराष्ट्रीय योग दिवस की कमान संभाली

Jun 21, 2015 / 11:02 pm

जमील खान

Guinness Record

नई दिल्ली। भारत की बौद्धिक शक्ति के अपूर्व प्रदर्शन के रूप में रविवार को देश और दुनियाभर में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 37,000 लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी के राजपथ पर सुबह-सुबह योगाभ्यास में हिस्सा लिया। साथ ही, 84 देशो ने भी इसमें भाग लिया, जो विश्व रिकॉर्ड बन गया। दुनिया में पहली बार इतनी बड़ी तादाद में लोगों ने एक साथ योग किया। इतने लोगों और देशों के भाग लेने से दो गिनीज विश्व रिकॉर्ड बन गए। दुनिया में पहली बार इतनी बड़ी तादाद में लोगों ने एक साथ योग किया।

पैंतीस मिनट तक 37 हजार योगाभ्यासियों और 21 आसनों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में रविवार को प्रथम अंतररराष्ट्रीय योग दिवस की कमान संभाली और ऎतिहासिक राजपथ “योगपथ” में तब्दील हो गया। गिनीज विश्व रिकॉर्ड की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मार्को फ्रिगैटी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय से इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह एक “आश्चर्यजनक तथा असाधारण उपलब्धि” है। संयुक्त राष्ट्र ने गत वर्ष मोदी की अपील पर 21 जून को “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

भारत की बौद्धिक शक्ति के अपूर्व प्रदर्शन के रूप में रविवार को देश और दुनियाभर में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 37,000 लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी के राजपथ पर सुबह-सुबह योगाभ्यास में हिस्सा लिया।

भारत के अलावा पूरी दुनिया में योग सत्र आयोजित किए गए। न्यूयार्क से लेकर त्रिनिदाद एवं टोबैगो, मालदीव से लेकर आस्ट्रेलिया, तेल अवीव से लेकर मॉस्को तक और भारतीय नौसेना के पोत से लेकर दुनिया के सबसे ऊंचे सियाचिन ग्लेशियर पर, स्कूलों, कॉलेजों और गली-मुहल्लों तक में लोगों ने योग दिवस के आयोजन किए।

राजपथ पर हुए मुख्य आयोजन के अलावा देश के सभी राज्यों की राजधानियों, शहरों, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में योग के कार्यक्रम आयोजित किए गए। मोदी ने इस दिन को मन-मस्तिष्क के संतुलन, शांति एवं सौहार्द के लिए मानव मन को तैयार करने के एक नए युग की शुरूआत बताया।

मोदी ने राजपथ पर स्वयं आसन किया और कहा कि योग सिर्फ शरीर को लचीला बनाने का अभ्यास नहीं है, बल्कि आंतरिक विकास का एक मार्ग है। उन्होंने कहा, यह शांति एवं सौहाद्रü के लिए मानव मन को तैयार करने के एक नए युग की शुरूआत है।

मोदी पूरी बांह का सफेद कुर्ता और पाजामा पहने हुए थे तथा तिरंगा गमछा कंधे पर डाले हुए थे। आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि पूरे देश में 20 करोड़ से अधिक लोगों ने योग दिवस समारोहों में हिस्सा लिया। भारतीय मिशनों और योग केंद्रों द्वारा 192 देशों में सुबह योग के कार्यक्रम आयोजित किए गए। सूर्योदय के साथ ही योग के कार्यक्रम शुरू हो गए।

राजपथ पर जिन विदेशी हस्तियों ने योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया, उनमें अमरीकी राजदूत रिचर्ड वर्मा, नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय, अफगानिस्तान के श्ौदा मोहम्मद अब्दाली और विदेशी राजनयिक समूह के सदस्य और भारत में अध्ययनरत विदेशी विद्यार्थी शामिल थे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल नजीब जंग और पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी योग कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले प्रमुख लोगों में शामिल रहे। विदेश सचिव एस. जयशंकर और कैबिनेट सचिव अजित सेठ भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन दोनों ने योग सत्र में हिस्सा नहीं लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय के और अन्य मंत्रालयों के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी और इससे ऊपर के अधिकारी भी आयोजन में मौजूद थे।

मोदी ने राजपथ पर मौजूद विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए कहा, क्या किसी ने कभी सोचा होगा कि राजपथ योगपथ बन सकता है? मोदी ने सामान्य योग नियम में शामिल सभी 35 आसन रविवार को किए। योग विशेषज्ञों के एक समूह ने मंच पर योगाभ्यास किया, जिसका अनुसरण 25 विशाल टीवी स्क्रीन के जरिए उपस्थित जनसमूह ने किया। योग के निर्देश हिंदी और अंगे्रजी दोनों भाषाओं में दिए जा रहे थे।

मोदी योग के प्रेमी है और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के उनके प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र ने पिछले वर्ष मंजूरी दे दी और इस तरह 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया।

राजपथ पर डेढ़ घंटे का आयोजन सुबह मोदी के पहुचने के बाद 6.45 बजे शुरू हुआ। बादलों ने मौसम को खुशनुमा बना दिया। कार्यक्रम समाप्त होने के साथ ही तेज हवाएं चलने लगीं और राजपथ के किनारे खड़े वृक्षों की कई शाखाएं उखड़ गई। इसके बाद बारिश शुरू हुई और पूरी राजधानी जैसे नहा उठी।

राजपथ पर इस आयोजन के लिए सुरक्षा के कडे इंतजाम किए गए थे। सिर्फ पासधारकों को ही अंदर जाने की अनुमति थी। जिन लोगों के पास प्रवेश पास नहीं थे, उन्होंने पास के एक मैदान में योगाभ्यास किया।

दिल्ली पुलिस के 1,400 से अधिक जवानों और इतने ही वरिष्ठ नागरिकों ने योगाभ्यास में हिस्सा लिया। कुछ मुसलमानों ने भी योग सत्र में हिस्सा लिया। विवेक विहार में स्थित एक सरकारी स्कूल के 11 वर्षीय छात्र मोहम्मद असीम ने कहा कि उसे योग करके मजा आया।

अमरीकी राजदूत ने कहा कि उन्हें योग सत्र मजेदार लगा। बर्किनो फासो के राजदूत इदरिस रौवा औड्राओगो ने कहा कि राजपथ पर इस आयोजन में हिस्सा लेकर वह बहुत प्रसन्न हैं। वह पिछले 27 वर्षो से योगाभ्यास कर रहे हैं।

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, मैं संयुक्त राष्ट्र में मोदी के इस प्रयास के लिए उनकी प्रशंसा करता हूं, क्योंकि मैं खुद योग करता हूं। भारतीय सैनिकों ने दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित युद्ध मैदान सियाचिन ग्लेशियर पर 5,400 मीटर की ऊंचाई पर, और लद्दाख एवं कारगिल पर योग के कार्यक्रम आयोजित किए।

भारतीय नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्रों में मौजूद पोतों पर “योगा एक्रास द ओशन” नामक कार्यक्रम आयोजितए किए। ये पोत भूमध्य सागर से लेकर दक्षिण चीन सागर में तैनात हैं। रमजान के बावजूद कई मुसलमान भी योग के लिए पहुंचे।

मोदी ने बाद में यहां योग पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में लोगों से योग को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि योग भारत में भले पैदा हुआ है, लेकिन यह पूरी दुनिया में लाखों लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।

उन्होंने कहा कि नियमित योग करने से लालच, हिंसा दूर होती है और स्वास्थ्य देखभाल की लागत घटती है तथा समुदायों और देशों के बीच झगड़े समाप्त होते हैं। आर्ट ऑफ लिविंग ने कहा कि दुनिया के 132 देशों में कोई पांच करोड़ लोगों ने संस्था के साथ रविवार को योगाभ्यास में हिस्सा लिया।

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