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International Yoga Day: वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगों के लिए पांच जरूरी और आसान योग

कोरोना काल में घर में बैठे-बैठे काम करने से लोग मानसिक तनाव के साथ-साथ शारीरिक समस्याओं से का सामना कर रहे हैं। इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए आप घर बैठे-बैठे कुछ आसान योगासन कर सकते हैं।

Jun 19, 2021 / 06:35 pm

Anil Kumar

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International Yoga Day 2021: Five Essential And Easy Yoga Poses To Rmove Tension And Keep Fit At Doing Work From Home

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के कारण जहां लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं करोड़ों लोग इससे संक्रमित हुए हैं। इतना ही नहीं, कोरोना की वजह से करोड़ों लोग मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। इसके अलावा, अधिकतर कंपनियों के कर्मचारी ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर रहे हैं।

ऐसे में घर में बैठे-बैठे काम करने से लोग मानसिक तनाव के साथ-साथ शारीरिक समस्याओं से का सामना कर रहे हैं। इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए आप घर बैठे-बैठे कुछ आसान योगासन कर सकते हैं।

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21 जून को विश्व योगा दिवस है। इस योग दिवस पर आप घर बैठे कुछ योगासन अभ्यास को शुरू कर सकते हैं, जो आपके शारीरिक व मानसिक समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद साबित हो सकता है..

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1- गरुड़ासन

गरुड़ासन को ईगल पोज (Eagle pose) कहा जाता है। यह एक बहुत ही आसान और फायदेमंद योगासन है। प्रतिदिन इसे करने से दिमाग को एक जगह क्रेंदित करने और तनाव को कम करने में काफी मदद मिलती है। यह श्वसन तंत्र को मजबूत करता है और फेफड़े तंदुरुस्त रहते हैं। इसका नियमित अभ्यास करने से कूल्हों और कंधों में जकड़न खत्म हो जाती है।

कैसे करें
– सबसे पहले एक स्थान पर सीधे खड़े हो जाएं।
– इसके बाद बाएं पैर को दाएं पैर के उपर फंसाते हुए रखें।
– इसी प्रकार हाथों को उपर की ओर ले जाकर एक दूसरे में लपेटकर नमस्कार की मुद्रा में खड़े रहें।
– इसी प्रक्रिया को कुछ देर बाद दायीं ओर से दोहराएं।
– इस अभ्यास को पांच-पांच बार दोहराएं।

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2. बद्ध कोणासन

बद्ध कोणासन या बाउंड एंगल पोज को कोब्ब्लर पोज़ भी कहा जाता है। यह योगासन बैठकर किया जाता है। इसे करने से कूल्हें, पेट की मसल्स और जांघों को स्ट्रेच करने में काफी फायदेमंद होता है। बद्ध कोणासन आपके कूल्हों को खोलने में मददगार होता है। इससे कमर व घुटनों की नसें खुलती हैं। साथ ही ध्यान केंद्रित करने के लिए मस्तिष्क को अधिक से अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

कैसे करें
– सबसे पहले पैरों को सीधा सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
– इसके बाद सांस छो़ड़ते हुए अपने घुटनों को मोड़कर अपनी एड़ी को पेल्विस की और खींचें।
– घुटनों को बाहर की और नीचे रखें तथा पैरों के तलवों को एक साथ लाएं।
– इसके बाद धीरे-धीरे अपनी एड़ी को पेल्विस के करीब लाएं।
– अब दोनों पैरों के अंगूठों को हाथों से पकड़ें।
– इस मुद्रा में आप 1 से 5 मिनट तक रहें।
– फिर सांस लें और अपने घुटनों को ऊपर उठाएं और पैरों को अपनी मूल स्थिति में वापस लाएं।
-इस प्रक्रिया को पांच बार दोहराएं।

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3- सुप्त कोणासन

सुप्त कोणासना का अभ्यास करने से पैर का दर्द और जांघो को आराम मिलता है। इस आसन को नियमित रूप से करने पर दिमाग और शरीर पर ज्यादा नियंत्रण मिलता है। साथ ही थकान को दूर करने में भी काफी सहायक होता है।

कैसे करें
– सबसे पहले चटाई पर लेटकर हलासन की स्थिति में आएं।
– फिर दोनों पांवों को जितनी दूर तक फैला सकें, फैलाएं।
– घुटनों को सीधा रखें।
– इसके बाद दोनों हाथों की तर्जनी तथा मध्यमा अंगुलियों द्वारा पांवों के पंजों को पकड़ें।
– इस स्थिति में 10 सेकेण्ड तक रहें तथा गहरी श्वास लें।
– अब पैरों को पास लाकर धीरे-धीरे बांह को नीचे लाएं।
– अब रीढ़ को सीधा करके लेटने की स्थिति में आ जाएं और कुछ देर तक विश्राम करें।

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4- सेतु बंधासन या ब्रिज आसन

सेतु बंधासन बहुत ही आसान योग है। इस नियमित करने से सीने, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव पैदा होता है। पाचन शक्ति मजबूत होता है और मेटाबॉलिज्म सुधारता है। साथ ही एंग्जाइटी, थकान, कमर दर्द, सिरदर्द और इंसोम्निया में भी सेतु बंधासन बहुत ही फायदेमंद
होता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता है। दिमाग को शांत करता है। फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और थायरॉयड की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होता है।

कैसे करें
– पीठ के बल लेट जाएं। सांसो की गति सामान्य रखें।
– इसके बाद हाथों को बगल में रख लें।
– अब धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर हिप्स के पास ले आएं।
– हिप्स को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं। हाथ जमीन पर ही रहेंगे।
– कुछ देर के लिए सांस को रोककर रखें।
– इसके बाद सांस छोड़ते हुए वापस जमीन पर आएं। पैरों को सीधा करें और विश्राम करें।
– 10-15 सेकेंड तक आराम करने के बाद फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
– इस तरह से पांच से दश बार कर सकते हैं।

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5- अधोमुखश्वानासन

अधोमुखश्वानासन शरीर को शरीर को ऊर्जा देता है और हमेशा आपको तारो-ताज़ा रखने में सहायक होता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। छाती की मांसपेसियो को मजबूती प्रदान करता है और फेफड़े की क्षमता को बढ़ाता है। यह पूरे शरीर को शक्ति प्रदान करता है। विशेषकर हाँथ, कंधे और पैरों को। मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाता है। इसके अलावा शांति प्रदान करता है एवं सरदर्द, अनिंद्रा, थकान आदि में भी अत्यंत लाभदायक है।

कैसे करें
– सबसे पहले सीधे खड़े हों और दोनों पैरों के बीच थोड़ा दूरी रखें।
– उसके बाद धीरे से नीचे की ओर मुड़ें जिससे की V जैसे Shape बनेगा।
– दोनों हाथों और पैरों के बीच में थोडा सा दूरी बनाकर रखें।
– सांस लेते समय अपने पैरों की उंगलियों की मदद से अपने कमर को पीछे की ओर खींचें।
– इस दौरान अपने पैरों और हांथों को ना मोड़ें।
– एक लंबी सांस लें और कुछ देर के लिए इस स्थिति में रुकें।
– इस प्रक्रिया को थोड़ी-थोड़ी देर में पांच बार दोहराएं।

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