विविध भारत

मसूद अजहर कैसे घोषित हुआ वैश्विक आतंकी, ये है अंदर की बात

UNSC ने यू ही नहीं घोषित कर दिया मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी
10 साल से लगातार दुनिया के सामने भारत उठाता रहा ये मुद्दा
दुनिया में बदनामी और साख खत्म होने के डर से झुका चीन

May 01, 2019 / 11:10 pm

Chandra Prakash

मसूद अजहर कैसे घोषित हुआ वैश्विक आतंकी, क्या है अंदर की बात

नई दिल्ली। आतंक के दंश के पीड़ित भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कामयाबी मिली है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( unsc ) से जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ( Masood Azhar ) को वैश्विक आतंकवादी ( global terrorist ) घोषित करना चीन और पाकिस्तान के लिए किसी झटके से कम नहीं है। हालांकि चीन रजामंदी के बाद ही भारत तो ये जीत मिली है लेकिन ड्रैगन यू ही नहीं इस मसले पर भारत के साथ आया है। इसके के पीछे की वजह सिर्फ आतंकवाद नहीं बल्कि दुनिया का भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना है। आइए जानते हैं भारत के लिए इस विजय उत्सव के अंदर की कहानी।

भारत ने कब कब उठाया मसूद का प्रस्ताव

पहली बार मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद 2009 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने ये प्रस्ताव पेश किया। लेकिन भारत के पक्ष में कोई अन्य देश नहीं आया। दूसरी बार पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद 2016 में भारत ने फिर इस प्रस्ताव को पेश किया। इस बार अमरीका , ब्रिटेन और फ्रांस ने का साथ दिया लेकिन चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर इसे खारिज कर दिया। तीसरी बार जम्मू-कश्मीर के उरी में ( Uri attack ) सेना के कैंप पर हमले के बाद 2017 में भारत ने फिर यूएन के सामने यह प्रस्ताव रखा। वहीं तीसरी बार भी चीन ने ‘टेक्निकल होल्ड’ के नाम पर इसे दबा दिया। आखिकार 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमला मसूद के ताबूत की आखिर कील साबित हुई।
ये भी पढ़ें: वैश्विक आतंकी मसूद अजहर: भारत के राजनेताओं की प्रतिक्रिया

पुलवामा हमले से बौखलाया भारत

पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया। चीन की मौजूदगी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इसे ‘जघन्य और कायरतापूर्ण’ अपराध बताया था। इसके बाद भारत ने जब यूएन में मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया तो परिषद में स्थायी देश का दर्जा प्राप्त देश अमरीका, ब्रिटेन और रुस और फ्रांस भारत के साथ खड़े हो गए। इसके बाद तो UNSC के गैर सदस्य देश भी खुलकर भारत के समर्थन में आए गए।

ये भी पढ़ें: पुलवामा हमले के 75 दिन बाद भारत ने फिर लिया बदला, आतंक के आका मसूद पर कसा शिकंजा


पाक की दोस्ती चीन पर पड़ने लगी भारी

दुनिया भर से मिल रहे समर्थन को देख भारत समझ गया कि अब आतंक पर अंतिम प्रहार का वक्त आ गया है। वहीं दूसरी ओर चीन भी भांप गया कि आतंक के सरपरस्त को बचाने के चक्कर में उसकी साख दांव पर लगी हुई है। भारत के चौथा प्रस्ताव बीते बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आया। अमरीका, यूके और फ़्रांस ने एकबार फिर सहमति जताई लेकिन चालबाज चीन के वीटो की वजह से ये प्रस्ताव रद्द हो गया। इन चारों कोशिशों के बीच भारत अलग-अलग मोर्चों पर कूटनीतिक प्रयोग करता रहा। इससे चीन और पाकिस्तान पर दबाव भी बढ़ता गया।

ये भी पढ़ें: गढ़चिरौली हमला: नक्सलियों ने पुलिस को अपने जाल में फंसाकर हमले को दिया अंजाम

inside story of Global Terrorist

भारत के साथ पूरी दुनिया, अकेले पड़ा ड्रैगन

चौथी बार चीन के वीटो से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद स्थायी सदस्यों ने खुलकर चीन का विरोध किया। कई देशों ने तो ये चेतावनी भी दे डाली कि अगर आतंक को लेकर चीन का रवैया नहीं बदला तो दूसरा रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। पिछले दिनों पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई। इसके बाद से ही चीन ने पाक से दूरी बनानी शुरु कर दी। 30 अप्रैल, 2019अप्रैल महीने के आखिरी दिन चीन की तरफ से बयान आया कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के जटिल मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा। एक मई की शाम UNSC में भारत की कोशिश रंग लाई और मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया गया।

Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

Hindi News / Miscellenous India / मसूद अजहर कैसे घोषित हुआ वैश्विक आतंकी, ये है अंदर की बात

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.