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संसद की फटकार पर इंडिगो ने कहा, हमारे कर्मचारी देहाती हैं, इंग्लिश नहीं आती

यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करने पर संसदीय समिति ने इंडिगो को फटकार लगाई तो कंपनी ने कहा कि मारे कर्मचारी देहाती हैं, इंग्लिश नहीं आती

Jan 05, 2018 / 07:09 pm

Chandra Prakash

नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने निजी एयरलाइंस की खिंचाई की है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ज्यादातर विमान कंपनियां अपने यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करतीं। परिवहन पर संसद की स्थायी समिति ने गुरुवार को राज्यसभा में सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि निजी एयरलाइंस का यात्रियों के साथ व्यवहार अच्छा नहीं है।
एयरलाइंस के कर्मचारी प्रशिक्षित नहीं
समिति ने विमान कंपनियों के रुख पर सवाल उठाया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में इंडिगो एयरलाइन का स्पष्ट रूप से नाम लिया है। समिति का कहना है कि एयरलाइंस के कर्मचारियों में प्रशिक्षण का अभाव है।
हमारे कर्मचारी गांव के हैं
अपनी सफाई में इंडिगो ने कहा कि उनके कर्मचारी गांव वाले हैं जिन्हें इंग्लिश नहीं आती। हालांकि कमेटी के सदस्यों ने एयरलाइन के इस तर्क को नकार दिया। कमेटी ने कहा कि आप ये नहीं कह सकते हैं कि हमारे सरकारी स्कूल अच्छे बच्चे तैयार नहीं करते हैं। उन्हें ट्रेनिंग देना आपकी जिम्मेदारी है।

संस्थागत समस्या
कमेटी ने माना है कि एयरलाइंस का व्यवहार खराब रहा है, एयरलाइंस ने यात्रियों से सही तरह से बातचीत और सहयोग नहीं किया है। कमेटी ने कहा कि ये निजी समस्या नहीं है, ये एक संस्थागत समस्या है।
जिम्मेदारी से नहीं बच सकते
रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरलाइंस के कर्मचारियों का यात्रियों के साथ व्यवहार अच्छा नहीं है और इसके लिए केवल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। एयरलाइंस अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकतीं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
आ चुकी हैं कई शिकायतें
बीते साल 7 नवंबर को इंडिगो के कर्मचारियों द्वारा एक यात्री की पिटाई वाला वीडियो वायरल होने के बाद एयरलाइंस ने माफी मांगी थी।
हाल ही में गुरुवार को भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने अपनी एक परिचित महिला को इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट में हुई परेशानी का मामला उठाया था।
इसी साल 2 जनवरी को क्रिकेटर उनमुक्त चंद को भी अपनी एक उड़ान के दौरान परेशानी से गुजरना पड़ा था।
बीते वर्ष नवंबर में बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु को भी एक उड़ान में परेशानी का सामना करना पड़ा था।

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