भारत की 16वीं सबसे अमीर शख्सियत
इस सूची में महिलाओं में जिंदल ग्रुप की सावित्री जिंदल 488 सौ करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे ऊपर और पूरी सूची में 16 स्थान पर हैं। ओपी जिंदल ग्रुप स्टील और बिजली उत्पादन से जुड़ी हुई हैं। सावित्री जिंदल के पति ओम प्रकाश जिंदल ने 1652 में जिंदल ग्रुप की स्थापना की थी। 67 वर्षीय सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार से विधायक भी रह चुकी हैं।
इस सूची में महिलाओं में जिंदल ग्रुप की सावित्री जिंदल 488 सौ करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे ऊपर और पूरी सूची में 16 स्थान पर हैं। ओपी जिंदल ग्रुप स्टील और बिजली उत्पादन से जुड़ी हुई हैं। सावित्री जिंदल के पति ओम प्रकाश जिंदल ने 1652 में जिंदल ग्रुप की स्थापना की थी। 67 वर्षीय सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार से विधायक भी रह चुकी हैं।
26 फीसदी बढ़ी अमीरों की दौलत, फिर टॉप पर मुकेश अंबानी
दुनिया की अमीर महिलाओं में से एक
36 साल तक घर की चारदीवारी में रहने वाली सावित्री जिंदल ने वर्ष 2005 में पति ओपी जिंदल की मौत के बाद जिंदल ग्रुप की जिम्मेदारी संभाल ली। देश के सबसे धनी परिवारों में से एक जिंदल परिवार की इस सदस्य को एक समय हिसार शहर के लोग भी ठीक से नहीं जानते थे। 2008 में फोर्ब्स की सूची में जब उन्हें भारत की सबसे धनी महिला बताया तो दुनिया में वो एक उद्योगपति बनकर उभरी।
दुनिया की अमीर महिलाओं में से एक
36 साल तक घर की चारदीवारी में रहने वाली सावित्री जिंदल ने वर्ष 2005 में पति ओपी जिंदल की मौत के बाद जिंदल ग्रुप की जिम्मेदारी संभाल ली। देश के सबसे धनी परिवारों में से एक जिंदल परिवार की इस सदस्य को एक समय हिसार शहर के लोग भी ठीक से नहीं जानते थे। 2008 में फोर्ब्स की सूची में जब उन्हें भारत की सबसे धनी महिला बताया तो दुनिया में वो एक उद्योगपति बनकर उभरी।
कारोबारी और राजनीतिक विरासत भी संभाली
सावित्री जिंदल ने सिर्फ जिंदल ग्रुप की कमान ही नहीं संभाली बल्कि पति की राजनीतिक विरासत को भी आगे बढ़ाया। मौत के वक्त ओपी जिंदल शहर से विधायक और राज्य मंत्री थे। पति की इस विरासत को सावित्री जिंदल ने बखूबी संभाल और 2006 में खिला हुई सीट पर उपचुनाव में मैदान में उतरी। जनता ने भी एक तरफा वोट देकर उन्हें विधायक के बाद मंत्री भी बना दिया।
सावित्री जिंदल ने सिर्फ जिंदल ग्रुप की कमान ही नहीं संभाली बल्कि पति की राजनीतिक विरासत को भी आगे बढ़ाया। मौत के वक्त ओपी जिंदल शहर से विधायक और राज्य मंत्री थे। पति की इस विरासत को सावित्री जिंदल ने बखूबी संभाल और 2006 में खिला हुई सीट पर उपचुनाव में मैदान में उतरी। जनता ने भी एक तरफा वोट देकर उन्हें विधायक के बाद मंत्री भी बना दिया।
बेटे संभालते हैं व्यापार लेकिन सबसे ऊपर सावित्री जिंदल
जिंदल ग्रुप का काम उनके चार बेटे देखते हैं लेकिन चेयरपर्सन के तौर पर वो बेहद सक्रिय रहती हैं। जिंदल शॉ लिमिटेड को पृथ्वी जिंदल, जेएसडब्लू ग्रुप ऑफ कंपनी को सज्जन जिंदल, जेएसएल यानि जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड को रतन जिंदल और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की कमान नवीन जिंदल का हाथ में है।
जिंदल ग्रुप का काम उनके चार बेटे देखते हैं लेकिन चेयरपर्सन के तौर पर वो बेहद सक्रिय रहती हैं। जिंदल शॉ लिमिटेड को पृथ्वी जिंदल, जेएसडब्लू ग्रुप ऑफ कंपनी को सज्जन जिंदल, जेएसएल यानि जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड को रतन जिंदल और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की कमान नवीन जिंदल का हाथ में है।