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एचएसबीसी समर्थित अंतरराष्ट्रीय अध्ययन रिपोर्ट फ्यूचर ऑफ वर्क के प्रारंभिक निष्कर्षों में पता चला है कि भारत में 85 फीसदी युवा ग्रीन नौकरी यानि पर्यावरण से जुड़ी नौकरियों में रुचि रखते हैं। हालांकि इस क्षेत्र में केवल 4 फीसदी ही नौकर कर रहे हैं। 84 प्रतिशत भारतीय युवाओं का मानना है कि वे समाज की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं। यह भी पढ़ें
पर्यटन के लिए सालभर नेशनल पार्क खोलना ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ पर सवाल
जलवायु संकट एक बड़ी समस्याभारत सहित चार महाद्वीपों में युवाओं पर किए गए सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि युवा जलवायु संकट की स्थिति में परिवर्तन के सूत्रधार बनना चाहते हैं। भारत में सर्वेक्षण में शामिल पांच में से चार युवा उस क्षेत्र के पर्यावरणीय प्रभाव पर विचार करना चाहते हैं, जिसमें वे आगे नौकरी करेंगे।
डिजिटल सेक्टर भी युवाओं की पसंद
डिजिटल उद्योग भी युवाओं के एजेंडे में टॉप रैंक पर हैं। 83 फीसदी ने डिजिटल अर्थव्यवस्था से जुड़े क्षेत्र में नौकरी करने की इच्छा प्रकट की है। ट्रस्ट भारत में 2018 से कार्यरत है और स्थानीय सहयोगियों मैजिक बस और आगा खान फाउंडेशन के साथ युवाओं को सीखने और काम पाने में मददगार कार्यक्रम संचालित करता है।
डिजिटल उद्योग भी युवाओं के एजेंडे में टॉप रैंक पर हैं। 83 फीसदी ने डिजिटल अर्थव्यवस्था से जुड़े क्षेत्र में नौकरी करने की इच्छा प्रकट की है। ट्रस्ट भारत में 2018 से कार्यरत है और स्थानीय सहयोगियों मैजिक बस और आगा खान फाउंडेशन के साथ युवाओं को सीखने और काम पाने में मददगार कार्यक्रम संचालित करता है।
स्थायी रोजगार में भूमिका पर चर्चा
ब्रिटेन में 1976 में स्थापित किए गए प्रिंस ट्रस्ट का कहना है कि वह 18 देशों में मौजूद है और उसने दस लाख युवाओं की काम, शिक्षा और प्रशिक्षण में मदद की है। पिछले हफ्ते लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में एक कार्यक्रम में प्रिंस चार्ल्स और व्यापार जगत के नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि भविष्य के लिए रोजगार के अवसर कैसे पैदा हों।
ब्रिटेन में 1976 में स्थापित किए गए प्रिंस ट्रस्ट का कहना है कि वह 18 देशों में मौजूद है और उसने दस लाख युवाओं की काम, शिक्षा और प्रशिक्षण में मदद की है। पिछले हफ्ते लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में एक कार्यक्रम में प्रिंस चार्ल्स और व्यापार जगत के नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि भविष्य के लिए रोजगार के अवसर कैसे पैदा हों।