पुल की ऊंचाई नदी के स्तर से 359 मीटर है, जबकि फ्रांस के एफिल टावर की ऊंचाई 324 मीटर है। रेल ब्रिज का कुल फैलाव 467 मीटर है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक उधमपुर-कटड़ा सेक्शन, बनिहाल-काजीगुंड और काजीगुंड-बारामुला में पहले से ट्रेनें चलाई जा रही हैं। अब महज 111 किलोमीटर लंबे रूट पर काम चल रहा है, जो कटड़ा-बनिहाल सेक्शन है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। इसे काफी मजबूत बनाया जा रहा है। साथ ही इसकी डिजाइनिंग भी अलग तरीके से की जा रही है। इससे सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरों की टीम बना रही है। पुल को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिसके चलते ये 266 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा को भी झेल सके। क्योंकि ऊंचाई पर रेल पुल के होने पर हवा का दबाव भी ज्यादा बढ़ेगा। ऐसे में ट्रेनों के गुजरने पर किसी तरह की दिक्कत न हो, इस बात का खास ख्याल रखा गया है।