15000 टन से अधिक
भारतीय रेलवे ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘सामान ढोने के लिहाज से मालगाड़ियों के ट्रांजिट समय को कम करने के उद्देश्य से एसईसीआर के बिलासपुर डिवीजन ने 3 भरी हुई गाड़ियों ( 15000 टन से अधिक ) को जोड़कर और चलाकर एक और रिकॉर्ड तोड़ा है। ट्रेनों का ‘Anaconda’ formation बिलासपुर और चक्रधरपुर डिवीजनों के मध्य हुआ.’।
177 वैगन के साथ दौड़ी ट्रेन
बता दें कि इस ‘सुपर एनाकोंडा’ में 177 वैगन के साथ दौड़ाया गया है। इसके लिए ट्रेन में 6000 एचपी क्षमता वाले तीन इलेक्ट्रिक इंजन लगे थे। इसी जून में भारतीय रेलवे ने पहली डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन को सफलतापूर्वक ऊंचाई पर ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) इलेक्ट्रिफाइड सेक्शन में चलाकर एक नया वर्ल्ड बेंचमार्क बनाया था।
200 प्रोजेक्ट पूरे
बता दें कि इससे पहले भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन में अपने 200 प्रोजेक्टों को पूरा कर लिया। रेलवे की ओर से जोलार्पेट्टी चेन्नई डिवीजन, दक्षिण रेलवे में यार्ड री मॉडलिंग का काम किया गया, जो 21 मई 2020 को समाप्त हो गया। इस कार्य के बाद से बेंगलुरु के लिए ट्रेनों की रफ्तार को 60 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने में मदद मिल सकेगी। साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी डिवीजन में इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ ट्रैक की डबलिंग के काम का पूरा किया गया। एक प्रोजेक्ट कछवा रोड से माधोसिंह रूट पर है और दूसरी 16 किमी लंबी मंडुआडीह से प्रयागराज सेक्शन पर है।