रेलवे की और से नए गार्डर डाले जाना, यार्ड री-मॉडलिंग, रेल लाइनों की डब्लिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन और कैंची क्रॉसओवर समेत 200 प्रोजेक्ट को पूरा किया गया है। रेलवे ने लॉकडाउन में लगभग 82 पुलों की मरम्मत का काम किया गया, लेवल क्रासिंग फाटक खत्म की जगह 48 लो हाइट सबवे या अंडर ब्रिज बनाए, 16 फुट ओवर ब्रिज बनाए, 5 यार्डों की री-मॉडलिंग की गई, 1 रेलवे लाइन की डब्लिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन की शुरुआत की गई। इनके अलावा अन्य 26 अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पूरे किए गए।
ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार
रेलवे की ओर से जोलार्पेट्टी चेन्नई डिवीजन, दक्षिण रेलवे में यार्ड री मॉडलिंग का काम किया गया, जो 21 मई 2020 को समाप्त हो गया। इस कार्य के बाद से बेंगलुरु के लिए ट्रेनों की रफ्तार को 60 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने में मदद मिल सकेगी। साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी डिवीजन में इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ ट्रैक की डबलिंग के काम का पूरा किया गया। एक प्रोजेक्ट कछवा रोड से माधोसिंह रूट पर है और दूसरी 16 किमी लंबी मंडुआडीह से प्रयागराज सेक्शन पर है।
आरओबी का निर्माण
रेलवे द्वारा चेन्नई सेंट्रल स्टेशन के पास 8 खतरनाक रेलवे आरओबी को तोड़ा गया। दक्षिण मध्य रेलवे के विजयवाड़ा डिवीजन में दो नए पुलों को बनाने का काम 3 मई को पूरा किया गया। रेलवे ने विजयवाड़ा और काजीपेट यार्ड (विजयवाड़ा डिवीजन, दक्षिण मध्य रेलवे) में प्रि-स्ट्रेस कंक्रीट (पीएससी) ले-आउट के साथ लकड़ी के कैंची क्रॉसओवर ले-आउट को फिर से नया बनाने का काम पूरा कर लिया है। रेलवे ने बीना में एक सोलर प्लांट को लगाया है, जो बिजली उत्पादन में मदद करेगा।