भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी कामयाबी, 500 रुपये में तुरंत रिपोर्ट देने वाली COVID-19 टेस्ट किट तैयार इस शक्तिशाली इंजन के साथ भारत हाई पावरफुल लोकोमोटिव ( High Powerful Locomotive ) का उत्पादन करने वाले देशों के एलीट क्लब में शामिल होने वाला दुनिया का छठा देश बन गया है।
ECR द्वारा जारी रेलवे के आधिकारिक बयान के मुताबिक इस इंजन का नाम 60027 नंबर के साथ WAG12 रखा गया है। इस इंजन ने पश्चिम बंगाल में पं. दीनदयाल उपाध्याय से बर्धवान जंक्शन तक 118 वैगनों के साथ एक मालगाड़ी को खींचा।
ECR के मुख्य प्रवक्ता राजेश कुमार ने कहा, “यह दुनिया में पहली बार है कि ब्रॉड गेज रेलवे पटरियों पर एक हाई हॉर्स पावर लोकोमोटिव का संचालन किया गया है। इसका निर्माण मधेपुरा लोकोमोटिव फैक्ट्री में किया गया है, जो कि 120 इंजनों के प्रति वर्ष उत्पादन की क्षमता के साथ बिहार में 250 एकड़ भूमि में फैली हुई है।”
कोरोना से लड़ने के लिए DRDO ने किया बड़ा कारनामा, बनाई ऐसी अनोखी मशीन कि बिना छुए हाथ करें सैनेटाइज मधेपुरा लोकोमोटिव फैक्ट्री को भविष्य में एक गेम-चेंजर बनाने के लिए और माल गाड़ियों के सुचारू रूप से चलाने के लिए दुनिया की नवीनतम तकनीक के साथ निर्मित किया गया है। मिनट टू मिनट लोकेशन पाने के लिए इंजन को हाई फ्रीक्वेंसी जीपीएस से लैस किया गया है।
कारखाने की मुख्य तकनीकी विशेषताओं के बारे में बताते हुए कुमार ने कहा कि मधेपुरा लोकोमोटिव फैक्ट्री में अगले 11 वर्षों में 12000 HP पावर के 800 इलेक्ट्रिक इंजनों के निर्माण की क्षमता है। कारखाने के कामकाज के साथ लगभग 10,000 प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
मधेपुरा में स्थानीय लोगों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी पहल के तहत एक कौशल केंद्र भी बनाया जा रहा है। सबसे शक्तिशाली इंजन के निर्माण की परियोजना वर्ष 2018 में शुरू की गई थी और पहला प्रोटोटाइप लोकोमोटिव मार्च 2018 में सामने लाया गया था। यह भारतीय रेल के लिए पहली रेलगाड़ी है जिसे प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत निर्मित किया गया है।