भारतीय रेलवे जल्द ही पूर्वोत्तर भारत ( Northeastern Railway ) में रेलवे के नेटवर्क को तेजी से बढ़ाने का ऐलान किया है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ( Railway Board VK Yadav) ने इस बारे में जानकारी दी है। यही नहीं उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे व्यस्ततम रूट पर भी भीड़ कम करने के काम में भी जुटा है। ये लक्ष्य में अगले तीन साल में हासिल कर लिया जाएगा।
पतंजलि को कोरोनिल पर हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका, जानें क्यों ट्रेडमार्क के इस्तेमाल पर लगाई रोक देश के पूर्वोत्तर इलाके जैसे मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश में प्राकृतिक स्थलों तक पहुंचने के लिए भारतीय रेलवे ( Indian Rail ) बड़ी तैयारी में जुटा है। इसके तहत जल्द ही इन इलाकों में यानी पहाड़ी इलाकों में भी आपको रेलवे ट्रैक ( Rail Track ) उपलब्ध होंगे और प्रकृति के करीब कम कीमत खर्च किए पहुंच सकेंगे।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया कि भारतीय रेलवे पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को आपस में रेल नेटवर्क ( Rail Network ) के जरिए जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। जल्द ही इस काम को पूरा किया जाएगा।
रेलवे की ओर से पूर्वोत्तर रेलवे को आपस में जोड़ा जाना जहां इलाके में विकास की गति को तेज करेगा वहीं इस इलाक में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पूर्वोतर राज्यों में रेलवे के नेटवर्क का विकास सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्व रखता है।
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रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि फिलहाल पूर्वोत्तर रेलवे में कई जगहों पर रेलवे का नेटवर्क है लेकिन अब पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेलवे के जरिए आपस में जोड़ने की तैयारी की गई है। 2023 तक पूर्वोत्तर भारत के राज्यों की राजधानियों को रेल नेटवर्क के जरिए जोड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि फिलहाल पूर्वोत्तर रेलवे में कई जगहों पर रेलवे का नेटवर्क है लेकिन अब पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेलवे के जरिए आपस में जोड़ने की तैयारी की गई है। 2023 तक पूर्वोत्तर भारत के राज्यों की राजधानियों को रेल नेटवर्क के जरिए जोड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
यादव ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में लाइनें बिछाने का काम पहले से चल रहा है। असम और अरुणांचल प्रदेश की राजधानियां पहले से ही रेल वेटवर्क से जुड़ी हुई हैं। मणिपुर (Assam) , मिजोरम ( Arunachal Pradesh ) , नागालैंड ( Manipur ) और मेघालय ( Mizoram ) की राजधानियों को आपस में जोड़ा जाना है।
पूर्वोत्तर रेलवे की राजधानियों को जोड़ने का काम काफी तेजी से चल रहा है। भारतीय रेलवे पिछले पांच साल से पूर्वोत्तर भारत में रेलवे के नेटवर्क को मजबूत करने में जुटी है। अगले तीन वर्षों में ज्यादातर काम पूरा कर लिया जाएगा।
व्यस्त रूट पर भीड़ कम करने की तैयारी यादव ने बताया कि कुल रेल मार्गों में से 7 मार्ग की पहचान हाई-डेंसिटी नेटवर्क (HDN) के तौर पर की गई है। इसकी कुल लंबाई 11 हजार 2 सौ 95 किमी है। इन मार्गों पर 60 फीसद ट्रैफिक है। इसलिए, हम इन मार्गों पर ट्रैफिक कम करने की कोशिश कर रहे हैं।