रिपोर्ट के अनुसार आईजीआई एयरपोर्ट से सालाना करीब 4.52 करोड़ यात्री आते-जाते है और प्रतिदिन करीब 930 उड़ाने संचालित की जा रही हैं। जबकि रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में मुंबई हवाई अड्डे पर अनुमानित 4.80 करोड़ से अधिक यात्रियों की आवाजाही होगी। जोकि इसकी अधिकतम क्षमता से ज्यादा हो जाएगी। वहीं अभी आईजीआई हवाईअड्डे पर करीब 10 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता है, जबकि वर्तमान में करीब 5.8 करोड़ यात्री उपयोग कर रहे हैं। वहीं फिलहाल एयरपोर्ट प्रबंधन मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं की। रिपोर्ट मे कहा गया है कि अगले एक दशक में 40 भारतीय हवाई अड्डे अपनी अधिकतम यात्री सीमा को पार कर जाएंगे। संभावना है कि सभी मेट्रो शहरों को 2030 तक दूसरे हवाई अड्डे की आवश्यकता होगी, जबकि मुंबई और दिल्ली को तीसरे की भी आवश्यकता हो सकती है।
विमानन विशेषज्ञ और पूर्व पायलट विपुल सक्सेना ने बताया कि मैं सीएपीए के अध्ययन से सहमत हूं। मुंबई हवाईअड्डे पर यात्री यातायात कुल वायु यातायात के विकास का लगभग 20 फीसदी बढ़ रहा है, जोकि चिंतनीय है। इस समस्या के कारण जहां मुंबई एयरपोर्ट पर नई उड़ाने शुरू नहीं हो पा रही है, वहीं अन्य घरेलू उड़ाने भी प्रभावित हो रही है। नवी मुंबई के एयरपोर्ट को मुंबई एयरपोर्ट से जोड़कर इसे नि
यंत्रित किया जा सकेगा। नए एयरपोर्ट को 2024 तक यात्रियों के लिए खोला जा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान एयरपोर्ट पर यात्री संख्या बढऩे के बावजूद भी नए एयरपोर्ट में विलंब होने के कारण छह महानगरों के बीच घरेलू विमानन यातायात सेवा में वृद्धि नहीं हो पा रही है। विपुल ने बताया कि उन्हें आशा है कि एनडीए सरकार इस कार्य में तेजी के साथ काम करेगी।