इन मिसाइलों के भारतीय फौज में शामिल हो जाने के बाद अपने दुश्मन से लड़ने की क्षमता काफी हद तक बढ़ जाएगी। आपको बता दें कि फौज को नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों और लॉन्च व्हीकल का लंबे समय से इंतजार था, जो अब जल्द ही पूरा हो जाएगा। इन मिसाइलों को विकसित करने की योजना 1980 के दशक में डीआरडीओ के द्वारा बनाई गई थी। हालांकि कुछ ना कुछ समस्याओं की वजह से ये योजना लटकती ही रही।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, सरकार के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है कि रक्षा मंत्रालय की एक हाईलेवल मीटिंग में 300 नाग मिसाइलों और 25 नाग मिसाइल कैरियर्स (NAMICA) व्हीकल को भारतीय सेना में शामिल किए जाने वाले प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
नाग मिसाइल कैरियर्स इतना ताकतवर है कि एक समय पर इसके जरिए छह मिसाइलों को ले जाया जा सकता है। ये नाग मिसाइलें सात से आठ किलोमीटर की दूरी पर दुश्मन के टैंक और इनफ्रैंट्री कॉम्बैट व्हीकल को तबाह कर सकती हैं। जानकारी के मुताबिक, सेना को फिलाहल ऐसी 3000 के करीब मिसाइलों की जरूरत है।