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India-nepal border dispute: नेपाल ने बार्डर पर बढ़ाई चौकसी, सेनाध्यक्ष ने लिया हालात का जायजा

सीमा विवाद ( India-nepal border dispute ) को लेकर धारचूला पर बुधवार सुबह नेपाल के सेना प्रमुख ( nepal army chief purn chandra thapa ) और नेपाल सशस्त्र प्रहरी के आईजी पहुंचे।
भारत से लगी 125 किलोमीटर ( high alert on india-nepal border ) व चीन से लगी 20 किलोमीटर की सीमा ( nepal-china border ) पर पैट्रोलिंग तेज।
नए नक्शे ( Nepal new map ) को लाने के साथ ही नेपाली सेना ( Nepal Army ) द्वारा सीमा पर तमाम चौकियां बनाए जाने की भी जानकारी आई है सामने।

Nepal Army intensifies activity at border

नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई खूनी झड़प को अभी ज्यादा वक्त भी नहीं गुजरा है कि नेपाल ने भी भारत से सटी इसकी सीमा पर सैन्य गतिविधियां ( high alert on india-nepal border ) तेज कर दी हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक बुधवार को सीमा ( India-nepal border dispute ) पर हालात का जायजा लेने नेपाल के सेनाध्यक्ष ( nepal army chief purn chandra thapa ) पहुंचे। उनके साथ सशस्त्र प्रहरी के आईजी भी मौजूद थे। दोनों ने कालापानी में बनाई गई छांगरू बार्डर आउटपोस्ट का निरीक्षण किया।
दरअसल नेपाल द्वारा नए नक्शे ( Nepal new map ) को संसद में पेश किए जाने के बाद से माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार सुबह करीब 10 बजे धारचूला पर सैन्य गतिविधियां तेज होती दिखाई दीं और यहां पर एक हेलीकॉप्टर पहुंचा। इसमें नेपाल के सेना ( Nepal Army ) प्रमुख पूरण चंद्र थापा के साथ नेपाल सशस्त्र प्रहरी (एपीएफ) के इंस्पेक्टर जनरल शैलेंद्र खनाल सवार होकर आए थे।
नेपाल के हाथ में है भारत से संबंध बनाने या बिगाड़ने की डोर

यहां थोड़ी देर हालात का जायजा लेने के बाद सेना का हेलीकॉप्टर उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिए उड़ गया। नेपाली सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों अधिकारियों ने छांगरू स्थित नेपाल सशस्त्र प्रहरी पोस्ट का निरीक्षण कर स्थिति की समीक्षा की।
बताया जा रहा है कि नेपाल सेना मुस्तैदी से अपनी सरहद की निगरानी कर रही है। इसमें भारत की सीमा से लगे 125 किलोमीटर व चीन से लगी 20 किलोमीटर की सीमा ( nepal-china border ) भी शामिल है।
करीब दोपहर तीन बजे पूरण चंद्र थापा के साथ शैलेंद्र खनाल हेलीकॉप्टर से वापस लौट गए। दरअसल, भारत द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा रूट पर लिपुलेख तक सड़क बनाने के बाद से नेपाल बौखला गया है। इस वजह से नेपाल ने भारतीय क्षेत्र लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद सीमा पर सैनिकों की गतिविधियों को तेजी से बढ़ा दिया है।
कई स्थानों पर चौकी बना रहा नेपाल

सीमा पर सैनिकों की गतिविधियां बढ़ाने के साथ ही नेपाल बार्डर आउट पोस्ट ( सीमा चौकी ) भी स्थापित करने में जुटा है। नेपाल ने हाल ही में भारतीय सीमा के पास स्थित छांगरू में भी अपनी चौकी बना दी है। इसके अलावा अब दुमलिंग, धारचूला, लेकम, लाली, मल्लिकार्जुन, जौलजीबी में भी नेपाल चौकियां बनाने के प्रयास में जुटा है।
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भारत ने भिजवाया है संदेश

गौरतलब है कि भारत सरकार की तरफ से दिल्ली ने काठमांडू को संदेश भेजा है। संदेश में ईशारा किया गया है कि द्विपक्षीय चर्चा के लिए राह तैयार करना नेपाल सरकार पर निर्भर करता है और केपी शर्मा ओली को चाहिए कि वह इसका दायित्व निभाएं।
सूत्रों की मानें तो अगर नेपाल सरकार उचित माहौल और सकारात्मक स्थिति बनाती है, तो इस विवाद को सुलझाया जा सकता है। भारत ने संदेश भिजवाया है कि फिलहाल नेपाल नए नक्शे के लिए संसदीय मंजूरी लेने की प्रक्रिया को विराम दे और चर्चा करे।

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