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चीन के खिलाफ भारत को मिला अमरीका का खुला समर्थन, दूसरे देशों से की इस बात की अपील

अमरीकी अधिकारी कीथ क्रैच ने चीन के खिलाफ सभी स्वतंत्रता-प्रेमी राष्ट्रों और कंपनियों से स्वच्छ नेटवर्क में शामिल होने की अपील की है।
चीनी ऐप्स भारत की संप्रभुता और अखंडता, रक्षा और सुरक्षा के साथ-साथ सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।

Sep 03, 2020 / 10:13 am

Dhirendra

अमरीकी अधिकारी कीथ क्रैच ने चीनी के खिलाफ सभी स्वतंत्रता-प्रेमी राष्ट्रों और कंपनियों से स्वच्छ नेटवर्क में शामिल होने की अपील की है।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सीमा विवाद ( Border Dispute ) को लेकर भारत और चीन ( India-China ) के बीच विवाद पहले से ज्यादा गहरा गया है। मोदी सरकार ( Modi Government ) ने ड्रैगन की मंशा को भांपते हुए उसके 118 और मोबाइल ऐप्स ( Mobile Apps ban ) पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत के इस फैसले का अमरीका ने स्वागत किया है। वहीं, एक बार फिर चीन की बौखलाहट सामने आई है।
ट्रंप प्रशासन ( Trump administration ) ने भारत सरकार के इस कदम का खुले तौर पर समर्थन करते हुए दूसरे देशों की कंपनियों को “स्वच्छ नेटवर्क” ( Clean network ) में शामिल होने की अपील की है। अमरीकी विदेश विभाग ने यूएस अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इकोनॉमिक ग्रोथ और एनर्जी एंड द एनवायरनमेंट के कीथ क्रैच ( US Under Secretary of State for Economic Growth Keith Crutch ) के हवाले से कहा कि भारत ने पहले ही 118 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। हम सभी स्वतंत्रता-प्रेमी राष्ट्रों और कंपनियों से स्वच्छ नेटवर्क में शामिल होने का आह्वान करते हैं।
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चीनी ऐप्स भारत के लिए खतरा

कीथ क्रैच का यह बयान भारत सरकार द्वारा 118 और मोबाइल ऐप को बैन करने के बाद आया है। अमरीकी सरकार ने कहा है कि ये ऐसे ऐप्स हैं जो कि उन गतिविधियों में लगे हुए हैं जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, रक्षा और सुरक्षा के साथ-साथ सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।
2020 में हुई स्वच्छ नेटवर्क की शुरुआत

ट्रंप प्रशासन ने 2020 की शुरुआत में ‘स्वच्छ नेटवर्क’ कार्यक्रम की शुरूआत की थी। अमरीका के इस पहल को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ( CCP ) जैसे घातक संगठनों के आक्रामक घुसपैठ से अपने नागरिकों की गोपनीयता और उसकी कंपनियों की सबसे संवेदनशील जानकारी की रक्षा करने के लिए एक व्यापक पहल साबित हुई है।
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डाटा चोरी का आरोप

इस बारे में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ( Ministry of Electronics and Information Technology ) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि भारतीय साइबर स्पेस की सुरक्षा, सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए निर्णय एक अहम कदम है।
आईटी मंत्रालय ने कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं जिनमें कई मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में बताया गया है। ये ऐप्स चोरी करने के लिए एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप का उपयोग करते हैं। उपयोगकर्ताओं के डेटा को अनधिकृत तरीके से उन सर्वरों तक पहुंचाते हैं जो भारत के बाहर मौजूद हैं।
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बता दें कि आईटी मंत्रालय ने बुधवार को मोबाइल गेम PUBG ( प्लेयर अननोन मोबाइल ऐप्लीकेशन) समेत 118 पर प्रतिबंध लगा दिया था। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच भारी तनाव के बीच केंद्र सरकार की तरफ से यह कदम उठाया गया है।
एलएसी पर तनाव बरकरार

चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( Chinese PLA ) पिछले कई महीनों से एलएसी पर अड़ी हुई है। साथ ही भारतीय सीमा पर लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश कर रही है। जून में जिन ऐप को बैन किया गया था उमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, जेंडर, शेयरइट, वी चैट, वीईबो आदि शामिल थे।

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