अक्टूबर, 2020 में एफएटीएफ की बैठक होनी है। इसमें पाकिस्तान को आतंकियों की संरक्षण देने की वजह से ब्लैकलिस्ट में डाला जाए या नहीं, पर विचार किया जाएगा। इस बात की समीक्षा होनी है कि पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक्शन प्लान को लागू करने में कितना सफल रहा है।
दूसरी तरफ इस बैठक से एक माह पहले इस्लामाबाद के विशेष रूप से आतंकवाद के वित्तपोषण देने, लगातार आतंक का समर्थन करने और आतंकवाद को दिए जाने वाले सक्रिय समर्थन के बढ़ने के प्रमाण भारतीय खुफिया एजेंसी को मिले हैं।
भारत के इस रुख से ड्रैगन परेशान, जानें Rajnath Singh की तेहरान यात्रा की अहमियत खुफिया एजेंसियों के हाथ लगे दस्तावेज से साफ है कि जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने वाली पाक एजेंसी आईएसआई ( ISI ) और आतंकियों के बीच साठगांठ दशकों से है। ये बात अलग है कि अभी तक पाकिस्तान इन आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है।
इस दस्तावेज को अक्टूबर में एफएटीएफ की बैठक में भारत रख सकता है। इसके आधार पर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने का दबाव बना सकता है। यानि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराने में यह दस्तावेज अहम साबित हो सकता है।
आईएसआई के एक पत्र से हुआ इसका खुलासा आईएसआई ( ISI ) के कमांडिंग अधिकारी वजाहत अली खान के नाम से जारी पत्र में इस बात का जिक्र है कि हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद मुहम्मद यूसुफ शाह आईएसर्आ के साथ काम कर रहे हैं। वह इस विभाग के अधिकारी हैं। सलाहुद्दीन के लिए जारी किया पत्र 31 दिसंबर, 2020 तक मान्य है।
Covid-19 : अमरीका के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत, कोरोना मरीजों की संख्या करीब 41 लाख सलाहुद्दीन को हासिल है सुरक्षा वार सुविधा वजाहत अली खान के पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि सलाहुद्दीन द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन को सुरक्षा-वार मंजूरी दे दी गई है। इसलिए उनके वाहन को अनावश्यक रूप से रोका नहीं जाना चाहिए।
गौरतलब है कि सलाहुद्दीन हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख है। संयुक्त जिहाद परिषद जैसे सगंठन का भी प्रमुख है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन इसी परिषद के अधीन काम करते हैं।