इस मुद्दे पर अभी तक आधिकारिक रूप से भारत ( India ) ने पहले की नीति से हटने की घोषणा नहीं की है, लेकिन दुनिया के उन देशों के साथ बेहतर आपसी समझ बन रही है जो हांगकांग एसएआर के मुद्दे पर मुखर तरीके से चीन की आलोचना कर रहे हैं। लेकिन यूरोपियन और पश्चिमी देशों का कहना है कि चीन के हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र ( SAR ) को लेकर बनाए गए नए कानून का भारत खुलकर विरोध करे। इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र के सामने अपनी चिंता जताकर भारत ने चीन को साफ संकेत दे दिया है।
लेकिन भारत ने अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया है। सूत्रों ने कहा चीन का भारत के प्रति रुख तय करेगा कि भारत चीन को चुभने वाले मुद्दों पर कितना मुखर होगा। Border dispute : भारत और चीन गलवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स से हटने को तैयार, पैंगोंग पर नहीं बनी बात
विरोध करने वाले देशों से बेहतर समझ Hong Kong Security Law के मसले पर चीन के खिलाफ़ 27 देशों ने लामबंद होकर यूएनएचआरसी में विरोध दर्ज कराया है। भारत इस मुहिम में सीधे शामिल नहीं हुआ, लेकिन इनमें से ज्यादातर देशों के साथ भारत की रणनीतिक समझ काफी अच्छी है।
भारत कर सकता है पुनर्विचार जानकारी के मुताबिक हांगकांग ( Hong Kong ) में चीनी उत्पीड़न, उइगर मुस्लिम समुदाय के साथ अमानवीय व्यवहार, तिब्बतियों को उत्पीड़न और ताइवान चीन की दुखती रग हैं। भारत में रणनीतिक मसलों के जानकार सरकार को सलाह दे रहे हैं कि अगर चीन भारत की संप्रभुता का सम्मान नहीं करता, तो भारत को भी अपनी परंपरागत एक चीन नीति ( One China Policy ) पर पुनर्विचार करना चाहिए
भारत का कहना है कि हांगकांग में भारी संख्या में भारतीय प्रवासी ( Indian Diaspora ) रहते हैं। भारत का कहना है कि चीन के कदम से इस वैश्विक वित्तीय केंद्र के स्वतंत्रता और स्वायत्तता को चोट पहुंचेगा।
Ban on App : चीन की सैन्य और सियासी साजिश पर बड़ा प्रहार, जानिए कैसे भारत के राजदूत और संयुक्त राष्ट्र ( United Nations ) में स्थायी प्रतिनिधि राजीव के चंदर ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि चीन के हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में बड़ी संख्याओं में रह रहे भारतीय समुदाय ( Indian Community ) के हित को देखते हुए भारत हालिया घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रखे हुए है।
बता दें कि भारत और चीन के रिश्ते में हाल के दिनों में गिरावट आई है। 25 जून की हाई रिजोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों में भारतीय क्षेत्र के 423 मीटर के इलाके में चीन के 16 टेंट, तिरपाल, एक बड़ा शेल्टर और कम से कम 14 गाड़ियां नजर आ रही थी। इस विवाद की वजह से दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हो चुकी है।
भारत और चीन एलएसी पर तनाव को लेकर सैन्य स्तर पर और कूटनीतिक स्तर पर लगातार बातचीत कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने चरणबद्ध तरीके से तेजी के साथ डीएस्केलेशन को प्राथमिकता देते हुए इस पर जोर दिया।