केंद्र सरकार ने अनौपचारिक रूप से सभी एयरलाइंस से कहा है कि वे चीनी नागरिकों को लेकर भारत न आएं। दरअसल हाल में चीन ने अपने यहां भारतीयों के प्रवेश पर रोक लगाई थी, इसी कार्रवाई के जवाब में भारत ने भी बड़ा कदम उठाया है।
कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहे देशवासियों के लिए ये दो दिन हैं अहम, सरकार भी है सतर्क पिछले करीब एक हफ्ते से भारतीय और विदेशी एयरलाइंस को साफ तौर पर कहा जा रहा है कि वे चीनी नागरिकों को लेकर न आएं। फिलहाल टूरिस्ट वीजा जारी नहीं किए जा रहे लेकिन विदेशियों को काम और कुछ अन्य कैटेगरीज में नॉन-टूरिस्ट वीजा पर आने की अनुमति है।
लिखित में मांगे निर्देश
वहीं कुछ एयरलाइंस ने अधिकारियों से लिखित में ऐसे निर्देश मांगे हैं ताकि वे भारत के लिए फ्लाइट बुक करा चुके चीनी नागरिकों को बोर्डिंग से मना करते वक्त वजह बता सकें।
वहीं कुछ एयरलाइंस ने अधिकारियों से लिखित में ऐसे निर्देश मांगे हैं ताकि वे भारत के लिए फ्लाइट बुक करा चुके चीनी नागरिकों को बोर्डिंग से मना करते वक्त वजह बता सकें।
ऐसे भारत पहुंच रहे थे चीनी
दोनों देशों के बीच उड़ानें काफी दिनों से निलंबित हैं, लेकिन चीनी यात्री दूसरे देश होते हुए भारत पहुंच रहे हैं, जिसके साथ हवाई यात्रा बाधित नहीं है। इसके अलावा, ऐसे देशों में रहने वाले चीनी नागरिक भी काम और व्यापार के लिए वहां से भारत आ रहे हैं।
दोनों देशों के बीच उड़ानें काफी दिनों से निलंबित हैं, लेकिन चीनी यात्री दूसरे देश होते हुए भारत पहुंच रहे हैं, जिसके साथ हवाई यात्रा बाधित नहीं है। इसके अलावा, ऐसे देशों में रहने वाले चीनी नागरिक भी काम और व्यापार के लिए वहां से भारत आ रहे हैं।
चीनी नागरिक पहले किसी तीसरे देश जाते थे जिसके साथ भारत का ट्रेवल बबल है। फिर वहां से वे भारत की उड़ान भरते थे। आपको बता दें कि चीन की कार्रवाई के बाद वहां के कई बंदरगाहों पर करीब डेढ़ हजार भारतीय फंसे हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाजों पर काम करने वाले ये भारतीय इस वजह से वतन नहीं लौट पा रहे क्योंकि चीन उन्हें अनुमति नहीं दे रहा। न ही जहाज का क्रू बदलने दिया जा रहा है।
चीन की चालाकी में फंसे भारतीय
दरअसल चीन की चालाकी का असर भारतीयों पर पड़ रहा है। चीन के इस कदम का मकसद ऑस्ट्रेलिया को परेशान करना है क्योंकि वहां का कोयला चीन ने बैन कर दिया है। लेकिन इसकी चपेट में भारतीय आ गए हैं और चीन किसी फौरी राहत देने के मूड में नहीं दिखता।
दरअसल चीन की चालाकी का असर भारतीयों पर पड़ रहा है। चीन के इस कदम का मकसद ऑस्ट्रेलिया को परेशान करना है क्योंकि वहां का कोयला चीन ने बैन कर दिया है। लेकिन इसकी चपेट में भारतीय आ गए हैं और चीन किसी फौरी राहत देने के मूड में नहीं दिखता।
भारत ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया
चीन की इस कार्रवाई के बाद भारत लगातार संवाद के जरिए इस सुलझाने की कोशिश करता रहा। चीनी विदेश मंत्रालय ने गेंद स्थानीय अधिकारियों के पाले में डाल दी मगर अधिकारियों का कहना है किसी लोकल अथॉरिटी से इजाजत की जरूरत नहीं है। भारत ने इसे परेशान करने की नीयत बताया और जवाबी कार्रवाई करते हुए एयरलाइंस को चीनी नागरिकों को लाने से मना कर दिया।
चीन की इस कार्रवाई के बाद भारत लगातार संवाद के जरिए इस सुलझाने की कोशिश करता रहा। चीनी विदेश मंत्रालय ने गेंद स्थानीय अधिकारियों के पाले में डाल दी मगर अधिकारियों का कहना है किसी लोकल अथॉरिटी से इजाजत की जरूरत नहीं है। भारत ने इसे परेशान करने की नीयत बताया और जवाबी कार्रवाई करते हुए एयरलाइंस को चीनी नागरिकों को लाने से मना कर दिया।
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– नवंबर की शुरुआत में चीनी ने वैध वीजा या आवास परमिट रखने वाले विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर लगाई रोक
– कोविड महामारी को बताया वजह
– वंदे भारत मिशन के तहत एयर इंडिया की दिल्ली-वुहान फ्लाइट के करीब 20 लोग पॉजिटिव होने के बाद की कार्रवाई
– इस दौरान 40 में कोविड ऐंटीबॉडीज भी मिली थीं
– हांगकांग में एयरलाइन को 14 दिन के लिए बैन किया गया
– अबतक हांगकांग एयर इंडिया को चार और विस्तारा को दो बार बैन कर चुका
– नवंबर की शुरुआत में चीनी ने वैध वीजा या आवास परमिट रखने वाले विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर लगाई रोक
– कोविड महामारी को बताया वजह
– वंदे भारत मिशन के तहत एयर इंडिया की दिल्ली-वुहान फ्लाइट के करीब 20 लोग पॉजिटिव होने के बाद की कार्रवाई
– इस दौरान 40 में कोविड ऐंटीबॉडीज भी मिली थीं
– हांगकांग में एयरलाइन को 14 दिन के लिए बैन किया गया
– अबतक हांगकांग एयर इंडिया को चार और विस्तारा को दो बार बैन कर चुका