तस्वीरों में देखें कैसी रही करीब दो माह बाद शुरू विमान सेवा, इस तरह नजर आए मुसाफिर और क्रू मेंबर्स भारत सरकार ( Indian Government ) इस बात पर दृढ़ संकल्प है कि वह सीमा पर अपनी विकास गतिविधियों को नहीं रोकेगा। भारत भी अब अपने इस कदम पर लंबे समय के लिए अडिग रहने के लिए तैयार है। यों तो दोनों देशों के बीच राजनयिक संपर्क और जमीनी स्तर पर सैन्य संपर्क जारी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।
दरअसल लद्दाख में गलवां नामक एक घाटी है। इसको लेकर चीन इसलिए आक्रामक रवैया एख्तियार किए है क्योंकि इसके नजदीक भारत के कई रक्षा संबंधी प्रोजेक्ट्स मौजूद हैं। यहां धारचुक से श्योक के जरिये दौलत बेग ओल्डी के लिए सड़क मौजूद है और दौलत बेग ओल्डी में एंडवास्ड लैंडिंग ग्राउंड (ALG) बना हुआ है।
यह ALG दुनिया की सबसे ऊंचाई पर मौजूद हवाई पट्टी है। इस हवाई पट्टी पर Indi C-130 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट तक को लैंड किया जा सकता है। इसकी वजह से यह स्थान रणनीतिक रूप से भारत के लिए यह बेहद अहम है। इतना ही नहीं यह सड़क भारत को कराकोरम हाईवे से भी जोड़ती है और चीन को इसे लेकर भी परेशानी है। यह सड़क वर्ष 2019 में पूरी बन चुकी है।
भारतीय रेलवे ने यात्रियों को दिया बड़ा झटका, सभी टिकटें कर दीं कैंसल अब बात करते हैं लद्दाख में एक्शन प्वाइंट्स की, तो ये LAC पर दो जगह मौजूद हैं। बीते 5 मई को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग लेक के नजदीक भारतीय और चीनी सैनिकों में संघर्ष हो गया।
इस दौरान चीन के तकरीबन 250 सैनिक, भारतीय जवानों के साथ भिड़ गए थे। इस भिड़ंत में दोनों देशों के लगभग 100 सैनिक घायल हो गए थे। पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे को सेना फिंगर्स के नाम से पुकारती है क्योंकि यह हथेली जैसा आकार लिए हुए है और 8 हिस्सों में बंटी है। भारत कहता है कि 8वीं फिंगर से LAC की शुरुआत होती है जबकि इसका विरोध करते हुए इसे दूसरी फिंगर से शुरू होना बताता है। भारत का नियंत्रण चौथी फिंगर तक है। इस बार गलवां में हुई घुसपैठ भारत के लिए नई घटना थी। चीन की क्लेम लाइन यहीं से गुजरती है और यहीं पर ड्रैगन सैनिक मौजूद हैं।
कई राज्यों ने बनाया Paid Quarantine का नियम, देसी ही नहीं विदेश से आने वाले भारतीय भी परेशान भारतीय सुरक्षा सूत्रों की मानें तो भारत को चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के लिए रेडी रहना चाहिए, क्योंकि चीन ने सीमा पर जिस तरह का डेवलपमेंट किया है, भारत भी उसी रास्ते पर चल रहा है। बीते चार वर्षों के दौरान भारत ने पूरे LAC पर रोड और लैंडिंग स्ट्रिप बिछाने का काम तेजी से किया है।
नतीजतन भारतीय सेना की LAC पर पहुंच काफी सुलभ हो गई है और चीन को उसकी किसी भी हरकत का तुरंत तगड़ा जवाब मिल जाता है। यहां चीन की लगातार पैट्रोलिंग का भी भारत ने तेज विरोध शुरू कर दिया है और झड़पें बढ़ गई हैं।