India-China Tension: पीएम मोदी ने दिया जवाब, अपनी अखंडता से समझौता नहीं करेगा भारत दरअसल, पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में सोमवार रात चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ( PLA ) के सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की हिंसक झड़प ( INDIA CHINA STANDOFF ) हुई थी। इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस मामले को लेकर स्थानीय कमांडर को अब फ्री हैंड कार्रवाई की छूट दे दी गई है। इसकी वजह जरूरत पड़ने पर किसी भी तरह का फैसला और कार्रवाई तुरंत करने के लिए उन्हें सक्षम करना है।
इतना ही नहीं सूत्रों की मानें तो अब इंडियन-तिबत बार्डर पुलिस ( Indo-Tibet Border Police ) का नियंत्रण भारतीय सेना के हाथों में भी दिए जाने की पूरी संभावना है। उत्तराखंड स्थित जोशीमठ में इंडियन आर्मी की गतिविधियां बढ़ गई हैं और सरहद पर आईटीबीपी की और टुकड़ियों को भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक LAC पर हुई हिंसक झड़प में चीन की सेना यानी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी का एक कमांडिंग ऑफिसर भी मारा गया है। बताया जा रहा है कि यह कमांडिंग ऑफिसर ही झड़प के दौरान चीनी सेना की अगुआई करते देखा गया था। सरहद के पास हुई झड़प के बाद काफी तादाद में एंबुलेंस और स्ट्रेचर पर मृत और घायल चीनी सैनिकों को ले जाने की भी जानकारी सामने आई है। इस झड़पप में चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे जाने की खबर आई है। हालांकि चीन ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
क्या दिल्ली में इतने ज्यादा बिगड़ने वाले हैं हालात कि अस्पतालों में मुर्दाघर बढ़ाने के देने पड़े आदेश वहीं, सरहद पर हुई हिंसा के करीब डेढ़ दिन बाद भारत की तरफ से पहली बार बयान जारी किया गया है। इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defence Minister Rajnath Singh ) ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ( cds bipin rawat ) और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। इसके बाद रक्षा मंत्री द्वारा बयान जारी किया गया कि गलवान में सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया है। देश उनकी शहादत को कभी नहीं भूलेगा और शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है।
इस बीच दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की चर्चा को रोक दिया गया है और रक्षा मंत्री ने एलएसी पर मौजूदा हालात की समीक्षा की। इंडियन आर्मी को बार्डर पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
जबकि पीएम मोदी ने चीन को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि मैं देश को भरोसा दिलाता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और भारत अपनी अखंडता से समझौता नहीं करेगा। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी की तरक्की चाहते हैं। हम अपने देश का विकास चाहते हैं, लेकिन कोई हमारी सीमाओं के साथ अतिक्रमण करने की कोशिश करेगा तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा। हमने अपने पड़ोसियों के साथ सहयोगात्मक और मित्रतापूर्ण व्यवहार किया है।
नक्शा विवाद पर नेपाल को भारत ने भेजा यह संदेश, अब बचा यह रास्ता सरहद पर चीन द्वारा की गई इस हरकत के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी को यह भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए। हम किसी को उकसाते नहीं हैं, लेकिन अपनी अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता नहीं करते। त्याग और तपस्या हमारे व्यक्तित्व हमारे देश का हिस्सा है, जबकि वीरता और विक्रम हमारे देश का चरित्र। भारत शांति चाहता है लेकिन जवाब देना भी जानता है।