वहीं, चीन के जवाब में भारत ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC) पर अपने सैनिकों ( Indian Army ) की संख्या बढ़ा दी है।
हालांकि दोनों सेनाओं के बीच उपजे इस तनाव को कम करने के लिए सोमवार को दोनों कई दौर की बैठकें हुईं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।
टकराव जल्द ही खत्म होने वाला नहीं
वहीं, भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद यह अब तक सबसे बड़ा विवाद बनता नजर आ रहा है।
इसी का नतीजा है कि लद्दाख (Ladakh) में पैंगोंग सो झील और गलवान घाटी में चीन (China) अपने सैनिकों की तदाद बढ़ाजा जार रहा है। वहीं, भारत ने भी अचानक एलएसी पर अपनी जवानों की संख्या बढ़ा दी है।
जिसको देखकर लगता है कि दोनों सेनाओं के बीच का यह टकराव जल्द ही खत्म होने वाला नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से सेना तैनात हैं और ऐसे तीन से चार स्थान हैं, जहां पांच मई से ही दोनों ओर के सुरक्षाबल आमने-सामने हैं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास दोनों पक्षों ने चार स्थानों पर 1000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है।
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भारतीय सेना ने बढ़ाई निगरानी
भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो क्षेत्र और गलवान घाटी क्षेत्र में कड़ी निगरानी बनाए हुए है। इस क्षेत्र में चीन ने भी तैनाती बढ़ाई हुई है।
पैंगोंग त्सो के अलावा ट्रिग हाइट्स, डेमचोक और चुमार ऐसे क्षेत्र हैं जो बेहद संवेदनशील हैं। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में पांच व छह मई को भारत व चीनी सेना के बीच झपड़ हो गई थी।
दोनों सेनाओं के बीच पांच मई को तनाव बढ़ा था और छह मई की सुबह तक दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। इस झड़प के दौरान दोनों पक्षों के सैनिकों के घायल होने की खबरें भी आई थीं।