LAC पर चीन को एक और झटका, हॉट स्प्रिंग्स पर Chinese Army गई दो किलोमीटर पीछे दोनों देशों ने गुरुवार को कहा कि वे कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से बैठकों को जारी रखेंगे ताकि सेनाओं को पीछे करने और तनाव घटाने के सिलसिले को आगे बढ़ाया जा सके। इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सीमा मामलों पर वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (WMCC) शुक्रवार को दोनों देशों के बीच सीमा गतिरोध की शुरुआत के बाद से अपनी तीसरी वर्चुअल बैठक आयोजित करेगा।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के कोर कमांडरों की अगले सप्ताह लद्दाख सेक्टर ( Ladakh border ) में मिलने की उम्मीद है, हालांकि तारीख तय होना बाकी है, ताकि सेनाओं को पीछे करने और तनाव को कम करने के अगले चरणों पर चर्चा की जा सके।
दशकों में LAC पर सबसे गंभीर संकट के बाद भारत सेना को पीछे करने प्रक्रिया में बड़ी सावधानी के साथ आगे बढ़ रहा है। सीमा मुद्दे पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ( NSA Ajit Doval ) और चीन के विदेश मंत्री वांग यी जैसे विशेष प्रतिनिधियों की रविवार को फोन पर बातचीत के बाद दोनों पक्षों के सैनिकों ने एलएसी के प्रमुख तनाव क्षेत्रों पर खुद को सीमित ढंग से पीछे कर लिया है। दोनों प्रतिनिधि सहमत थे कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमा पर शांति और स्थिरता जरूरी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साप्ताहिक वर्चुअल न्यूज ब्रीफिंग के दौरान सेना को पीछे करने पर भारत की स्थिति को स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी पर हाल ही में चीन ने बढ़ाचढ़ाकर और अपुष्ट दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि एलएसी का “कड़ाई से सम्मान किया जाना चाहिए” और मना जाए कि “यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता का आधार है।”
LAC पर China को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, Indian Army ने 30 हजार सैनिक किए तैनात उन्होंने कहा कि एलएसी में बदलाव के लिए किसी भी पक्ष को एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। हम सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के रखरखाव और बातचीत के माध्यम से मतभेदों के समाधान की आवश्यकता के बारे में आश्वस्त हैं। साथ ही हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए भी दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं।
वहीं, बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि विवादित सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में स्थिति “सुधर” रही है। उन्होंने कहा कि WMCC तंत्र के तहत बातचीत का एक और दौर होगा। झाओ ने कहा, “कमांडर-स्तरीय वार्ता में सहमति बनने के बाद चीन-भारत सैनिकों ने गलवान घाटी और अन्य क्षेत्रों में पीछे हटने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। सीमा पर स्थिति स्थिर है और सुधार हो रहा है। दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत और संचार जारी रखेंगे, जिसमें सीमा मामलों पर WMMC की बैठक आयोजित करना भी शामिल है।”