LAC पर China को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, Indian Army ने 30 हजार सैनिक किए तैनात अब दोनों देशों की सेनाओं का PP-14, PP-15 और PP-17 में पीछे हटने का काम पूरा हो गया। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि फिंगर एरिया में चीनी सेना की हालत पतली है। चीनी सैनिकों PP-14, PP-15 और PP-17 और PP-17A क्षेत्रों में तनाव वाले बिंदुओं से दो किलोमीटर की दूरी तक आपसी समझौते के तहत वापस चले गए। भारतीय सेना भी इन क्षेत्रों से लगभग समान दूरी से पीछे हट गई है। मई के पहले सप्ताह तक जब चीन ने एलएसी के साथ निर्माण शुरू किया था, तब यह भारतीय सेना के गश्ती क्षेत्र में आते थे।
एलएसी पर भारतीय और चीनी सेना के पीछे हटने की यह प्रक्रिया दो महीने तक चले सैन्य गतिरोध के बाद शुरू हुई है। इस प्रक्रिया को ‘कोर कमांडरों की बैठक में सहमत शर्तों के मुताबिक’ पूरा किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने गलवान घाटी में PP-14 और PP-15 पर लगाए अपने टेंट और अन्य निर्माण हटा दिए हैं।
गौरतलब है कि बीते माह 15 जून ( india china standoff galwan valley ) को पैट्रेलिंग प्वाइंट 14 पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। वहीं, चीन ने अभी तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या का आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है।
इस इलाके में व्याप्त तनाव ( india-china dispute ) को लेकर कोर कमांडरों की कई दौर की बैठक हुई। इनके बीच हुए समझौते के मुताबिक इन क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारत और चीन दोनों ओर कम से कम 1.5 किलोमीटर का एक बफर जोन बनाया जाना है।
सूत्रों के मुताबिक गलवान घाटी में बर्फ पिघलने के कारण अचानक गलवान नदी का जल स्तर बढ़ गया है। इसकी वजह से चीन अपनी सेना को इस क्षेत्र से पीछे हटाने को मजबूर हुआ। वहीं, भारतीय सेना द्वारा कथित रूप से चीनी गतिविधि की सत्यता की जांच के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी वजह गलवान नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण फिजिकल वेरिफिकेशन में उत्पन्न बाधा बताई जा रही है।
सेना के सूत्रों ने बताया कि हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में दोनों पक्षों के बीच सेनाओं को पीछे करने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू हुई थी। सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना ने रविवार से अपने ढांचे को गिराना शुरू कर दिया था। आपसी समझौते के तहत दोनों पक्ष संबंधित इलाके से 1-1.5 किलोमीटर पीछे चले जाएंगे। सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों सेनाओं द्वारा इस प्रक्रिया को और आगे ले जाने के लिए आगे की बातचीत करने की संभावना है।
भारत और चीन इस बात पर सहमत हुए हैं कि LAC पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो ताकि भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की पूर्ण बहाली कर सकें।