नौसेना और वायुसेना का रुख चीन की तरफ मोड़ा हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) से लगे लाहौल स्पीति और कुन्नूर में सेना और आईटीबीपी को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए हैं। नौसेना को मलक्का जलडमरूमध्य और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में डिप्लॉयमेंट के साथ एयरफोर्स की फाइटर जेट्स ( IAF Fighter Jets ) को चीनी फॉरवर्ड बेस ( Forward Base ) की तरफ बढ़ने का निर्देश दिया गया है।
भारत-चीन विवाद : आधी रात को फाइटर जेट की गड़गड़ाहट से गूंजा हिमाचल का आकाश सेना को फ्री हैंड दूसरी तरफ कई दौर की उच्च स्तरीय बैठक के बाद केंद्र सरकार ( Central Government ) ने सीमाओं की सुरक्षा के लिए लद्दाख में भारतीय सेना को कार्रवाई अपने हिसाब से करने की खुली छूट दे दी है। थल, वायु और नौसेना को आपातकालीन खरीद के लिए भी मंजूरी दी है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ( CDS Bipin Rawat ) को तीनों सर्विस तीनों के साथ सहयोग कर के उनकी जरूरतों के बारे में जानकारी लेने और आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। एलएसी पर युद्ध सामग्री के भंडार को बढ़ाने की भी बात कही गई है।
केंद्र ने सेना को किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती के अधिकार दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) और गृह मंत्री अमित शाह ( home minister amit shah ) लगातार हालातों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए सैनिकों को लेह में सेना के अस्पताल में श्रद्धांजलि दी गई। बिगड़े हालात को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 जून की शाम पांच बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस वर्चुअल बैठक में सभी दलों के अध्यक्ष हिस्सा लेंगे।
Rajnath Singh : गलवान में जवानों का जान गंवाना बेहद दर्दनाक, राष्ट्र नहीं भूलेगा उनका बलिदान फिर हुई मेजर जनरल स्तर की वार्ता सोमवार रात को खूनी झड़प के बाद एक बाद फिर गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में भारत और चीन के बीच मेजर जनरल के अधिकारी स्तर की बातचीत हुई है। भारत की ओर से 3 डिवीजन के जनरल आफ कमांड मेजर जनरल बपिता भारत की ओर से बैठक का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
बता दें कि हिंसक झड़प दुनिया के दो परमाणु ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गलवान वैली में हुई। 45 साल पहले इसी गलवान वैली में 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी।