इससे पहले देश के विभिन्न इलाकों से चीन से आईं रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर शिकायतें सामने आ रही थीं। यही वजह रही कि सरकार हरकत में आई और इनके इस्तेमाल पर रोक लगाई।
लॉकडाउन के बीच आई अच्छी खबर, सरकार ने कुछ और दुकानों को दी खोलने की इजाजत लेकिन इस बीच सरकार ने चीन के खिलाफ एक और बड़ा एक्शन लिया है। भारत ने चीन के साथ रैपिड टेस्टिंग किट का सौदा पूरी तरह रद्द कर दिया है।
लगातार मिल रही शिकायतों और जांच के बाद इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR ने चीन की दो कंपनियों के रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट की डील को कैंसिल कर दिया है। नहीं डूबेगा देश का एक भी रुपया
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी साफ कहा है कि इस डील को सील करने के दौरान टेंडर जारी करने में सभी जरूरी प्रक्रिया का पालन किया गया था। यही वजह है कि कंपनियों को भारत की ओर से फिलहाल किसी भी तरह का कोई भी भुगतान नहीं किया गया है। यानी इस सौदे को लेकर भारत का एक भी रुपए डूबा नहीं है।
आपको बात दें कि चीन से आई नकली रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर विपक्ष लगातार सरकरा पर हमला कर रहा था। लॉकडाउन के बाद ट्रेनें चलाने के लेकर भारतीय रेलवे ने तैयार किया खास प्लान, अब नए नियमों के साथ करना होगी यात्रा
राज्यों के इस्तेमाल पर तुरंत रोक
कोरोना संकट के बीच ICMR ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी राज्यों के रैपिड टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगा दी है। आईसीएमआर ने इसके लिए सभी राज्यों के नई एडवाइजरी भी जारी की है।
कोरोना संकट के बीच ICMR ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी राज्यों के रैपिड टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगा दी है। आईसीएमआर ने इसके लिए सभी राज्यों के नई एडवाइजरी भी जारी की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के मुताबिक राज्यों को चीन के गुआंगझो वोंडफो बायोटेक और झूहाई लिवजॉन डायग्नोस्टिक से मिली किट का इस्तेमाल तुरंत रोकने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने ये भी बताया कि टेंडर को अंतिम मंजूरी देने से पहले जरूरी मानकों का ध्यान रखा गया था। जब ऑर्डर लेने वाली कंपनियों से टेस्ट किट मिली तो इसमें कुछ शिकायतें सामने आई। इसी आधार पर टेंडर रद्द कर दिया गया है।