सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत की तरफ से गलवान घाटी ( Galwan Valley ) तथा अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ पैंगोंग में फिंगर 4 से फिंगर आठ तक के इलाके से चीनी सेना को तत्काल पीछे हटने को कहा गया है। हालांकि सेना की तरफ से इस के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
उद्धव सरकार का नया फरमान : सरकारी कामकाज में मराठी का करें इस्तेमाल नहीं तो इंक्रीमेंट से धोना पड़ेगा हाथ कॉर्प्स कमांडर स्तर के अधिकारियों की बातचीत एलएसी ( LAC ) के निकट चुशूल में भारतीय जमीन पर पर हुई। भारत की तरफ से 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ( Lieutenant General Harinder Singh ) और चीन की तरफ से तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिऊ लिन शामिल हुए। जून महीने में इन सैन्य अधिकारियों के बीच यह तीसरे दौर की बैठक हुई है। इस बैठक में सेनाओं के पीछे हटने के तौर तरीकों पर चर्चा हुई है।
इस बैठक में भारतने चीनी सैनिकों के घुसपैठ को जोरदार तरीके से उठाया। साथ ही साफ शब्दों में बता दिया है कि चीनी सेना ( Chinese Army ) उन इलाकों से तत्काल पीछे हटे। कि पांच मई से पहले की स्थिति बहाल हो सके। इनमें पैंगोग लेक इलाके में फिंगर चार से आठ तक से चीनी सेना को तत्काल हटने को कहा गया है।
बता दं कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच एलएसी पर करीब दो महीने से टकराव के हालात बने हुए हैं। 6 जून को दोनों सेनाओं में पीछे हटने पर सहमति बन गई थी लेकिन चीन उसपर अमल करने को राजी नहीं है। इसके चलते 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हो चुकी है।
बैन के बाद Tik Tok स्टार्स के फैन्स हुए कम, टैलेंट नहीं ऐप हुआ बंद गलवान वैली में हिंसक झड़प के बाद 22 जून को कमांडर स्तर पर दूसरे दौर की बातचीत हुई। उसके बाद 23 जून को दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई है। 22 जून को सैन्य कमांडरों ने भी मैराथन बैठक की है। हर बार सहमति बनती है, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं दिखाई देता है। अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि बुधवार को इस बैठक के नतीजों को लेकर सेना बयान जारी कर सकती है।