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शांति मिशन 2018: आतंक के खिलाफ सबसे बड़े अभ्यास में एक साथ भारत-पाक दिखाएंगे दम

‘पीस मिशन 2018’ के तहत भारत और पाकिस्तान की सेना अभ्यास करती हुईं नजर आएंगी

Jul 15, 2018 / 04:31 pm

Saif Ur Rehman

ARMY

शांति मिशन 2018: आतंक के खिलाफ सबसे बड़े अभ्यास में एक साथ भारत-पाक दिखाएंगे दम

नई दिल्ली। बरसों से भारत-पाक की सेना के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है। अब दोनों देशों की सेना पहली बार एक साथ आतंकवाद विरोधी सैन्य अभ्यास करती नजर आएंगी। भारत-पाक की सेना रूस में अगले महीने होने जा रहे बड़े एंटी-टेरर ड्रील में शिरकत करेंगी। मीडियो रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अभ्यास 20 अगस्त से 29 अगस्त तक चेल्याबिंस्क शहर में आयोजित होगा। जिसमें भारतीय सेना के करीब 200 जवान शामिल होंगे। वायु सेना के जवान इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे।
आजादी के बाद पहली बार भारत-पाक की सेना अभ्यास करेंगी

अगस्त में होने वाले इस सैन्य अभ्यास का आयोजन शंघाई सहयोग संगठन ( SCO ) कर रहा है। इस अभ्यास में शंघाई सहयोग संगठन के तकरीबन सभी देश भाग ले रहे हैं। आप को यहां यह बता दें कि SCO में सदस्य देशों की संख्या 8 है। पिछले साल जून में भारत-पाक इस संगठन में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल हुए थे। गौरतलब है कि भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के अभ्यास में शिरकत करने की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया था कि आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही सैन्य अभ्यास का हिस्सा होंगे। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन में साथ काम किया है।
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रूस में उतरेंगी कई देशों की सेना
इस सैन्य अभ्यास का आयोजन रूस के उरल पहाड़ी क्षेत्र में होगा। शांति मिशन के इस अभ्यास का मकसद सभी आठों देशों में होने वाली आतंकी गतिविधियों को रोकना होगा और आतंकी नेटवर्क को तबाह करना है। इसे ‘पीस मिशन 2018’ कहा जा रहा है। SCO नियमित तौर पर ऐसे अभ्यास करवाता रहता है लेकिन यह पहली बार होगा जब भारत और पाकिस्तान इसमें शामिल होंगे
चीनी सेना के साथ भी होगा अभ्यास
इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में चीन और भारत के बीच भी द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास भी होगा। यह अभ्यास पिछले साल 2 महीने से ज्यादा चले डोकलाम विवाद के कारण टाल दिया गया था। हाल ही में चीन के वुहान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शि जिनपिंग के बीच हुई अनौपचारिक बैठक में दोनों नेताओं ने सीमा विवाद पर तनाव दूर करने के लिए सेना के संवाद बढ़ाने पर जोर दिया था। जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत हो सकें।

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