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Independence day 2021: 15 अगस्त 1947 का दिन था अशुभ, किस तरह तय हुआ आजादी का समय

Independence day 2021: इसके पीछे देश के ज्योतिषियों की राय यह थी कि ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को देखकर बेहतर भाग्य के लिए खास समय पर भारत को आजादी लेनी चाहिए।

Aug 15, 2021 / 10:44 am

Mohit Saxena

Independence day 2021

नई दिल्ली। हम सबको मालूम है कि भारत को 15 अगस्त 1947 में आजादी मिली। मगर क्या आपको मालूम है कि इस दिन को ज्योतिषियों ने शुभ न मानते हुए 14 अगस्त को देश आजाद करने की हिमायत की थी। इसलिए 14 अगस्त के बीतने के बाद ठीक आधी रात 12 बजे देश आजाद हुआ। इसके पीछे देश के ज्योतिषियों की राय यह थी कि ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को देखकर बेहतर भाग्य के लिए इसी समय भारत को आजादी लेनी चाहिए। ज्योतिषियों ने अपनी गणना के हिसाब इस दिन को खास बताया। आजादी के लिए तब इस समय को चुना गया जो हर पक्ष को मंजूर थी।

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15 अगस्त को सत्ता हस्तांतरण

वरिष्ठ पत्रकार दुर्गादास ने अपनी किताब “इंडिया – फ्राम कर्जन टू नेहरू एंड आफ्टर” में इसका उल्लेख किया है। सत्ता अंतरण की तारीख तय करने को लेकर एक दिलचस्प किस्सा का वह अपनी किताब में जिक्र करते हैं। माउंटबेटन के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया था कि 15 अगस्त को सत्ता हस्तांतरण किया जाए। मगर दिल्ली के प्रमुख ज्योतिषियों का कहना था कि 14 अगस्त अधिक शुभ दिन था।”

 

वे अपनी किताब में लिखते हैं कि नेहरू ने तरकीब निकाली, उन्होंने संविधान सभा की बैठक 14 अगस्त की दोपहर में की। ये बैठक रात को ठीक 12 बजे तक चलती रही। इस समय को अंग्रेजी प्रथा के अनुसार 15 अगस्त की तारीख माना जाता है। तब का मुहुर्त हिंदू पंचांग के हिसाब से शुभ था। इस समय संविधान सभा की अंतरिम संसद के रूप में सत्ता ग्रहण की गई।

मई 1947 में माउंटबेटन लंदन गए

दरअसल मई 1947 को भारत के आखिरी वायसराय लार्ड माउंटबेटन ब्रिटेन के पीएम क्लीमेंट एटली से मुलाकात करने लंदन गए थे ताकि भारत के बंटवारे को लेकर चर्चा की जा सके। पहले भारत को जून 1948 में आजाद करने की बात कही गई थी। लेकिन इस दौरान सांप्रदायिक दंगें भड़कने लगे। ऐसे में ब्रिटेन ने एक साल पहले भारत को आजाद करने का निर्णय लिया था।

दो जून 1947 में लार्ड माउंटबेटन से वायसराय हाउस में जवाहरलाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल और आचार्य कृपलानी से मिलने आए। ये सभी कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता थे। मुस्लिम लीग से मोहम्मद अली जिन्ना, लियाकत अली खान और रब निस्तार भी मिलने पहुंचे। सिखों की ओर से बलदेव सिंह मौजूद थे। इस बैठक में महात्मा गांधी की मौजूदगी नहीं थी।

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माउंटबेटन का ऐलान, 15 अगस्त को मिलेगी आजादी

इस बैठक के बाद ही अगले दिन आल इडिया रेडियो से देश के बंटवारे की घोषणा हो गई। माउंटबेटन ने प्रेस कांफ्रेस कर बताया कि बंटवारा किस तरह होगा। इस कांफ्रेंस में दुनियाभर पत्रकार शामिल थे। इसी कांफ्रेंस में माउंटबेटन ने ऐलान किया कि भारत की आजादी की तारीख 15 अगस्त तय की गई है।

ज्योतिषियों के अनुसार कैसा दिन था ये

इस पर भारत के ज्योतिषियों ने अपनी गणना शुरू कर दी। 15 अगस्त 1947 के दिन शुक्रवार था। ज्योतिथिषों का कहना है कि ये दिन अमंगलकारी था। लेपियर एंड कोलिंग ने अपनी किताब फ्रीडम एट मिडनाइट में बताया कि माउंटबेटन ने 15 अगस्त को आजादी देने का ऐलान करा। इसके बाद भारतीय ज्योतिषी अपनी पंचांग खोलकर बैठ गए।

आजादी को एक दिन आगे बढ़ाने को कहा

इस पर काशी के ज्योतिषियों और दक्षिण के ज्योतिषियों ने 15 अगस्त का दिन अशुभ बताया और कहा कि भारत के लिए ये दिन अच्छा नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि हमेशा के लिए नरक की यातनाएं सहने के बजाए एक दिन के लिए अंग्रेजों के शासन को आगे बढ़ा दिया जाए।

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इस कारण 14 अगस्त को मिली आजादी

इस कारण भारत को आजादी 14 अगस्त की आधी रात को दी गई। वहीं 15 अगस्त की शुरुआत हो रही थी। कैलेंडर को देखकर अगला दिन आधी रात के बाद शुरू हो जाता है। वहीं भारतीय मान्यताओं और शास्त्र अगले दिन को सूर्य उदय के साथ मानते हैं।

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