IMA उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेजा है। नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने का भी अल्टीमेटम दिया है।
यह भी पढ़ेंः तहलका मैगजीन के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल की बढ़ सकती है मुश्किल, गोवा सरकार ने उठाया ये कदम डॉक्टरों के खिलाफ विवादित बयान देना योग गुरु बाबा रामदेव के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। अब IMA की उत्तराखंड शाखा ने पतंजलि योगपीठ के प्रमुख स्वामी रामदेव को मानहानि का नोटिस भेजा है।
ये है आईएमए का नोटिस
इस नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव अपने बयान के लिए 15 दिनों के भीतर माफी मांगें, नहीं तो IMA उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपए का दावा ठोकेगा।
इस नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव अपने बयान के लिए 15 दिनों के भीतर माफी मांगें, नहीं तो IMA उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपए का दावा ठोकेगा।
इस बात के लिए दिया 72 घंटे का वक्त
इसके अलावा नोटिस में आईएमए ने रामदेव से 72 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी स्थानों से हटाने के लिए भी कहा है। रामदेव ने दावा किया था कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है।
इसके अलावा नोटिस में आईएमए ने रामदेव से 72 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी स्थानों से हटाने के लिए भी कहा है। रामदेव ने दावा किया था कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है।
डॉक्टरों के संगठन ने मांग की है कि रामदेव को इस बयान के खिलाफ लिखित में माफी मांगनी होगी, अन्यथा कानूनी रूप से ये दावा ठोका जाएगा। IMA ने योगगुरु को साफ-साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर इस पत्र मिलने के 15 दिनों के भीतर वे अपने बयान के लिए माफी मांगें, जिस तरह उनका पहले के बयान का वीडियो मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रचारित किया गया, उसी तरह बाबा रामदेव माफी मांगने का वीडियो भी प्रचारित करें।
यह भी पढ़ेंः नए डिजिटल नियमों को लेकर गूगल-फेसबुक ने दिया जवाब, ट्विटर-इंस्टाग्राम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है सरकार राज्य सरकार से भी कार्रवाई की मांग
आपको बता दें कि मानहानि के मामले से पहले IMA उत्तराखंड ने योग गुरु बाबा रामदेव के एलोपैथिक मेडिकल प्रोफेशन और एलोपैथी चिकित्सा के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर उत्तराखंड के सीएम को पत्र लिखा था।
आपको बता दें कि मानहानि के मामले से पहले IMA उत्तराखंड ने योग गुरु बाबा रामदेव के एलोपैथिक मेडिकल प्रोफेशन और एलोपैथी चिकित्सा के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर उत्तराखंड के सीएम को पत्र लिखा था।
सीएम तीरथ सिंह रावत को लिखे गए पत्र में बाबा रामदेव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की।