1.ICMR के नए निर्देशों के अनुसार अब बाहर से लौटने वाले लोगों, खासतौर पर प्रवासियों में अगर इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो सात दिन के भीतर उनकी कोरोना वायरस की जांच की जाएगी।
2.अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आता है, लेकिन उनमें लक्षण नहीं दिखते हैं तो ऐसे लोगों के संपर्क में आने के पांचवें और दसवें दिन के बीच जांच की जाएगी। अभी तक ऐसे मामलों में पांचवें और 14वें दिन के बीच जांच होती थी।
3.जो स्वास्थकर्मी कोरोना पेशेंट की देखभाल करते हैं और फ्रंट लाइन में काम करते हैं। ऐसे लोगों में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण दिखने पर उनकी भी आरटी-पीसीआर जांच होगीा। पहले ये थे नियम
हॉटस्पॉट या नियंत्रण (कंटेनमेंट) क्षेत्रों में रह रहे आईएलआई के लक्षण वाले लोगों और ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की जा रही थी जिनमें लक्षण दिख रहे हो। मगर नए नियम के तहत अब इंफ्लुएंजा के लक्षण वाले मरीजों पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा पिछले 14 दिन में अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले ऐसे लोगों जिनमें लक्षण नहीं हैं तथा संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे एसे लोगों की जांच हो रही थी।
हॉटस्पॉट या नियंत्रण (कंटेनमेंट) क्षेत्रों में रह रहे आईएलआई के लक्षण वाले लोगों और ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की जा रही थी जिनमें लक्षण दिख रहे हो। मगर नए नियम के तहत अब इंफ्लुएंजा के लक्षण वाले मरीजों पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा पिछले 14 दिन में अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले ऐसे लोगों जिनमें लक्षण नहीं हैं तथा संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे एसे लोगों की जांच हो रही थी।