बता दें कि शनिवार को राज्य सरकार ने एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की थी। इस बार भी 19 लाख से अधिक लोग इस सूची में शामिल नहीं हैं। इन लोगों की नागरिकता खतरे में है।
वैधानिक अधिकारियों ने लिए सभी फैसले एनआरसी का अंतिम मसौदा कल जारी हो गया लेकिन हजेला मीडिया के सामने नहीं आए। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के जरिए अपना बयान सबके सामने रखा।
हजेला ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर बताया कि लिस्ट में लोगों को शामिल करने या बाहर करने के सभी फैसले वैधानिक अधिकारियों ने लिए हैं। पूरी प्रक्रिया ध्यानपूर्वक एक उद्देश्य के साथ पारदर्शी तरीके से पूरी की गई है। हरेक व्यक्ति को प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया।
भोपाल में जन्मे हजेला पहली बार 1996 में असम में काचर के सहायक आयुक्त बनाए गए थे। सितंबर, 2013 में वह कमिश्नर बनाए गए। इसके बाद उन्हें एनआरसी का राज्य समन्वयक बनाया गया। सीडीआरआई रिसर्च में बड़ा खुलासा, अब ब्लड कैंसर का होगा सस्ता इलाज
सरकार के भी निशाने पर आए हजेला एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद असम-मेघालय काडर के आईएएस अधिकारी प्रतीक हजेला की असम सरकार ने भी आलोचना की है। प्रदेश सरकार ने कहा कि हजेला ने उन्हें एनआरसी अपडेशन प्रक्रिया की प्रगति के बारे में अंधरे में रखा।
हजेला ने अंतिम बार 30 जुलाई, 2018 को मीडिया से बात की थी। उस दिन एनआरसी का फाइनल मसौदा पेश किया गया था। उसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को देखते हुए मीडिया से दूरी बना रखी है।
2018 में लिखे अपने फेसबुक पोस्ट में हजेला ने इस बात का संकेत दिया था कि वह बहुत कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं।
प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने भी उन पर हमला बोला है। 24 जुलाई को प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया था कि हजेला कुछ ताकतों के निर्देश पर काम कर रहे हैं ताकि एक दोषपूर्ण एनआरसी प्रकाशित किया जाए।
प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने भी उन पर हमला बोला है। 24 जुलाई को प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया था कि हजेला कुछ ताकतों के निर्देश पर काम कर रहे हैं ताकि एक दोषपूर्ण एनआरसी प्रकाशित किया जाए।
आज से नए ट्रैफिक रूल्स लागू, नियम तोड़े तो जेब पर पड़ेगा भारी, 3 साल तक जेल संभव 3 लाख से ज्यादा लोग एनआरसी में शामिल बता दें कि शनिवार को असम सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) का अंतिम मसौदा जारी कर दी है। अंतिम सूची में 19,06,657 लोग सूची में जगह नहीं बना पाए। एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजारिका ने बताया कि कुल 3,11,21,004 लोग इस लिस्ट में जगह बनाने में सफल हुए हैं।