राफेल-रफाल, दस्सू-डेसॉल्ट, होलैंड-ओलांद, जानिए क्या हैं सही नाम इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया, “कम से कम तीन रफाल जेट अगले महीने भारत पहुंचेंगे। अभी भी तारीखों पर काम किया जा रहा है। ये विमान रास्ते में बिना कहीं रुके फ्रांस से उड़ान भरकर सीधे जामनगर पहुंचेंगे। इनमें भारतीय और फ्रांसीसी टैंकरों द्वारा हवा में उड़ने के दौरान ही ईंधन भरा जाएगा।”
सरकार से सरकार के बीच हुए समझौते के तहत सितंबर 2016 में फ्रांस को रफाल जेट का आदेश दिया गया था। जनवरी में तीन जेट्स की इस डिलीवरी के साथ ही भारतीय वायुसेना के पास रफालल की संख्या 11 तक पहुंच जाएगी। इससे पहले भारतीय वायुसेना के तीन रफाल फाइटर जेट्स का दूसरा बैच अंबाला में अपने होमबेस से उड़ान भरने से पहले नवंबर की शुरुआत में फ्रांस से गुजरात के जामनगर एयरबेस पहुंचा था।
भारतीय वायुसेना द्वारा आदेश दिए गए 36 में पांच रफाल जेट विमानों का पहला बैच 29 जुलाई को अबू धाबी के पास अल ढाफरा एयरबेस में एक स्टॉपओवर के बाद अंबाला एयरबेस पहुंचा था। हालांकि इसे वायुसेना में शामिल किए जाने का औपचारिक समारोह 10 सितंबर को हुआ था।
इस तरह डाउनलोड करें CoWIN ऐप और कोरोना वैक्सीन के लिए करें प्री-रजिस्टर ज्यादा लड़ाकू विमानों के आगमन से चीन के साथ सैन्य तनाव के बीच लद्दाख थिएटर में इन एडवांस्ड जेट को जल्द से तैनात करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा। भारतीय वायुसेना लद्दाख में लड़ाकू विमानों का संचालन कर रही है- जहां सीमा विवाद के बीच चीन द्वारा किसी भी उकसावे से निपटने के लिए सेना हाई अलर्ट पर तैनात है।
आईएएफ अगले हर दो महीने में तीन से चार रफाल जेट को अपने बेड़े में शामिल करेगी। सभी 36 विमानों के इस साल के अंत तक इसके लड़ाकू बेड़े में शामिल होने की संभावना है। दूसरा रफाल स्क्वैड्रन पूर्वी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए पश्चिम बंगाल के हासीमारा में स्थित होगा।
जून 1997 में रूसी सुखोई-30 जेट्स के सर्विस में प्रवेश करने के बाद रफाल लड़ाकू विमान 23 साल में भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाले पहले आयात किए जाने वाले फाइटर जेट हैं।
इंटरपोल की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, आतंकी समूह कर रहे कोरोना वायरस का इस्तेमाल ट्विन-इंजन वाले रफाल जेट तमाम तरह के मिशनों को पूरा करने में सक्षम हैं। इनमें जमीनी और समुद्री हमले, वायु रक्षा और हवाई श्रेष्ठता, टोही और परमाणु हमले की रोकथाम भी शामिल है। यह फाइटर जेट लगभग 10 टन हथियार ले जा सकते हैं।
भारत के लिए विशिष्ट रूप से उन्नत रफाल में उच्च-ऊंचाई वाले ठिकानों में ठंडे इंजन पर शुरू होने, राडार वार्निंग रिसीवर, 10 घंटे के डेटा वाले फ्लाइट डेटा रिकार्डर्स, इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम, जैमर और आने वाली मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता शामिल है।