वायुसेना दिवस ( IAF Day ) पर हिंडन एयरबेस पर आयोजित कार्यक्रम में IAF के प्रमुख और तीनों सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद होते हैं। इस अवसर पर भारतीय वायुसेना के पायलटों द्वारा विभिन्न विमानों द्वारा शानदार एयर शो प्रदर्शित किया जाता है।
क्यों मनाया जाता है यह दिवस? भारतीय वायुसेना दिवस आयोजित समारोह में सबसे महत्वपूर्ण पुराने विमानों का शानदार प्रदर्शन शामिल होता है। भारतीय वायुसेना दिवस राष्ट्रीय सुरक्षा के किसी भी संगठन में आधिकारिक और आधिकारिक रूप से भारतीय वायुसेना के प्रति लोगों को जागरूक करने और हवाई सीमा की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर करने के लिए मनाया जाता है।
अब बिहार में बड़े भाई की भूमिका में नहीं रहे Nitish Kumar, जानें कैसे? 8 अक्टूबर को ही क्यों? दरअसल, इंडियन एयरफोर्स आधिकारिक तौर पर ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा 8 अक्टूबर, 1932 को स्थापित की गई थी। भारतीय वायुसेना तीन भारतीय सशस्त्र बलों हवाई शाखा है। आईएएफ का प्राथमिक मिशन संघर्ष के समय में भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित रखना है। हवाई गतिविधियों का तत्परता और प्रतिबद्धता के संचालन करना है।
पहली बार 1933 में भरी थी उड़ान ब्रिटिश शासनकाल में IAF ने पहली एसी उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को भरी थी। उस समय IAF को ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ कहा जाता था। देश आजाद होने के बाद 1950 सरकार द्वारा इसका नाम रॉयल इंडियन एयर फोर्स से बदलकर भारतीय वायुसेना कर दिया गया। इसलिए हर साल 8 को आईएएफ डे के रूप में मनाया जाता है।
चिराग पासवान को JDU विधायक ने दी चुनौती, कहा – हिम्मत है तो बड़हरिया से लड़कर दिखाएं चुनाव 73 साल में 5 युद्ध लड़ चुकी है आईएएफ 1947 में देश आजाद होने के बाद से भारतीय वायुसेना 5 युद्ध में शामिल हो चुकी है। इनमें पाकिस्तान के खिलाफ 1948, 1965, 1971 और 1999 शामिल है। 1962 में चीन के खिलाफ भी भारतीय वायुसेना एक युद्ध लड़ चुकी है। भारतीय वायुसेना के अन्य प्रमुख ऑपरेशनों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन पूमलाई, बालाकोट एयर स्ट्राइक शामिल हैं।
इसके अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना कार्यों में भी सहयोग कर चुकी है। इतना ही नहीं भारतीय वायुसेना बांग्लादेश स्वंतत्रता संग्राम की लड़ाई में अहम भूमिका निभा चुकी है।