बता दें कि शुक्रवार को एनआइए ने प्रतिबंधित संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी के साथ उसकी दो सहयोगियों सोफी फहमीदा और नहीदा नसरीन को हिरासत में लिया और श्रीनगर से दिल्ली लाया गया।
जानकारी है कि आसिया अंद्राबी के हिरासत के विरोध में हुर्रियत नेताओं ने शनिवार को घाटी बंद का ऐलान किया है। हुर्रियत के दोनों पक्षों यद अली गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक को आसिया की गिरफ्तारी खलने लगी और उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया है। हुर्रियत नेताओं ने कहा कि आसिया को गिरफ्तार करना और जम्मू से दिल्ली ले जाना एक निंदनीय काम है, जिसका हम खुले में विरोध करेंगे।
10 दिन की एनआईए हिरासत में आसिया अंद्राबी, आतंकियों की लगातार कर रही थी मदद साथ ही हुर्रियत नेताओं ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने गंदी राजनीति खेलते हुए एएनआई का गलत इस्तेमाल किया है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को प्रमोट करने वाले चेहरों में से एक आसिया अंद्राबी को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। पाकिस्तान परस्त आसिया अंद्राबी को लेकर एनआईए ने कोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। एनआईए ने कोर्ट को बताया है कि आसिया के संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत के सदस्यों के पास से कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वो सभी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से लगातार संपर्क में रहते हैं।
अदालत ने तमाम दलीलें सुनने के बाद ही आसिया अंद्राबी और दो अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को 10 दिन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया है। एनआईए ने कोर्ट को बताया कि अब तक की जांच में पाया गया है कि आरोपी आसिया अंद्राबी, सोफी फहमीदा और नहीदा नसरीन साजिश कर भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल थी। एनआईए ने ये भी बताया कि आसिया और उनके सहयोगी साइबरस्पेस पर पाकिस्तान के समर्थन में कैंपेन चला रहे थे और आतंकियों को मदद भी कर रहे थे।