भारत सरकार ने जारी किए Unlock 2.0 के दिशा-निर्देश, किन पर छूट और किस पर पाबंदी कंपनी की तरफ से जारी एक बयान के मुताबबिक SARS COV-2 स्ट्रेन को पुणे स्थित NIV में अलग किया गया। इसके बाद इंस्टीट्यूट ने उसे भारत बायोटेक को हस्तांतरित किया। घरेलू, इनएक्टिवेटेड वैक्सीन ( covid-19 vaccine ) को हैदराबाद के जीनोम वैली में स्थित भारत बायोटेक के बीएसएल-3 (बायो-सेफ्टी लेवल 3) हाई कंटेनमेंट फैसिलिटी में विकसित करने के साथ ही विनिर्मित भी किया गया।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( drug controller general of india ), सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से कंपनी को बड़ी क्लीयरेंस मिल चुकी है। सभी ने कंपनी को फेस 1 और फेस 2 के ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की स्वीकृति दे दी है। इसके पहले कंपनी ने इन संस्थाओं को प्री-क्लीनिकल स्टडीज से प्राप्त परिणाम सौंपे थे।
अब भारत बायोटेक ( Bharat Biotech ) द्वारा अगले महीने से पूरे भारत में ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल शुरू किए जाएंगे। इस संबंध में भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने कहा, “हम COVID-19 के खिलाफ भारत के पहले घरेलू स्तर पर विकसित वैक्सीन, कोवैक्सीन की घोषणा करते हुए काफी गौरव महसूस कर रहे हैं। इस वैक्सीन के विकास में आईसीएमआर और एनआईवी की सहभागिता महत्वपूर्ण रही है। सीडीएससीओ के सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन से इस परियोजना को स्वीकृति मिल पाई। हमारे आर एंड डी और विनिर्माण टीमों ने इस प्लेटफार्म की दिशा में हमारी खुद की प्रौद्योगिकियों की तैनाती में अथक परिश्रम किया।”
राष्ट्रीय विनियामकीय प्रोटोकॉल्स से गुजरते हुए कंपनी ने व्यापक प्री-क्लीनिकल स्टडीज को पूरा करने में अपने उद्देश्य को गति दी। इन अध्ययनों के परिणाम शानदार रहे हैं और अत्यंत सुरक्षित और प्रभावी इम्यून रिस्पॉन्स प्रदर्शित किए हैं।
Coronavirus Lockdown: राज्य सरकार 15 दिन के लिए बंद कर सकती है पूरा शहर, दिन भर रहेगा कर्फ्यू गौरतलब है कि जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक दुनियाभर में कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या बढ़कर अब 1.01 करोड़ हो गई है। जबकि इस महामारी से होने वाली मौतों की संख्या 5 लाख से अधिक हो गई है। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग ने अपने डेली अपडेट में बताया कि सोमवार सुबह तक दुनिया भर में कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या 1 करोड़ 1 लाख 15 हजार 912 हो गई थी। जबकि इस महामारी से होने वाली मौतों की संख्या 5 लाख 1 हजार 233 हो गई थी।
इंस्टीट्यूट के मुताबिक इस वायरस से सर्वाधिक प्रभावित अमरीका में अब तक 25 लाख 48 हजार 143 मामले और 1 लाख 25 हजार 799 मौेतें देखी जा चुकी हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर ब्राजील में वायरस के कुल मामले 13 लाख 44 हजार 143 हैं जबकि 57 हजार 622 लोग दम तोड़ चुके हैं।