CET से युवाओं के लिए कौन-कौन सी Govt Jobs का दरवाजा खुलेगा, ये रही पूरी जानकारी एनआरए की मंजूरी के तुरंत बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगी। कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट ( onliner CET ) के माध्यम से यह कई परीक्षाओं को समाप्त करेगा और कीमती समय और संसाधनों को बचाएगा। इससे पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा।”
NRA में रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवाओं के विभाग, कर्मचारी चयन आयोग ( Staff Selection Commission ), रेलवे भर्ती बोर्ड ( Railway Recruitment Board ) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान ( Institute of Banking Personnel Selection ) के प्रतिनिधि होंगे। सरकार द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एनआरए की ‘एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी लाने और केंद्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं’ के रूप में कल्पना की गई है।
एनआरए ( national recruitment agency to conduct exam ) करीब ढाई करोड़ उम्मीदवारों को लाभान्वित करेगा जो हर साल कई सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं और जिन्हें प्रत्येक परीक्षा के लिए अलग से आवेदन करना होता है।
ऐसे ही बरसात होती रही तो सावधान हो जाएं दिल्ली वाले, इन इलाकों में बाढ़ का खतरा प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “उम्मीदवारों को कई भर्ती एजेंसियों को शुल्क देना पड़ता है और विभिन्न परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ये कई भर्ती परीक्षाएं उम्मीदवारों और भर्ती एजेंसियों पर एक बोझ हैं, क्योंकि ये बचाए जा सकने वाले बार-बार के खर्च, कानून और व्यवस्था/सुरक्षा से संबंधित मुद्दों और परीक्षा केंद्र संबंधी समस्याओं से संबंधित हैं।”
जानिए कैसे नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को लाभान्वित करेगी: 1. उम्मीदवारों को कई भर्ती परीक्षाओं के लिए अलग से आवेदन करने और इनमें शामिल होने की आवश्यकता नहीं है। वे विभिन्न विभागों में एक या एक से अधिक भर्ती परीक्षाओं के लिए एक बार आवेदन कर सकेंगे और सामान्य पात्रता परीक्षा ( CET ) में भाग ले सकेंगे। सीईटी एक प्रारंभिक स्तर की परीक्षा होगी। इसका स्कोर 3 साल के लिए वैध होगा। CET आयोजित होने के बाद NRA भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने के लिए पात्र उम्मीदवारों के स्कोर संबंधित एजेंसियों को भेजेगा। इसलिए CET क्लीयर करने वालों को भर्ती के मुख्य या दूसरे स्तर के लिए उपस्थित होना होगा।
जैसे वर्तमान में यदि कोई अभ्यर्थी एसएससी ( SSC ), आरआरबी ( rrb ) और आईबीपीएस ( ibps ) के लिए आवेदन करना चाहता है, तो उसे तीन प्रारंभिक परीक्षाओं (पीटी) और तीन टियर-2 परीक्षाओं के लिए उपस्थित होना होगा। इसके बाद आवश्यकतानुसार शारीरिक परीक्षण और मेडिकल परीक्षण होगा। सीईटी के साथ अभ्यर्थियों को केवल एक सीईटी देना होगा जो पीटी की जगह लेगा और फिर तीनों परीक्षाओं के मेंस के लिए आगे बढ़ना होगा।
2. सीईटी काफी हद तक लंबे भर्ती चक्र को कम कर देगा क्योंकि कुछ भर्ती विभागों ने अपने स्तर-2 या दूसरे स्तर की परीक्षा को छोड़ने का फैसला किया है। ये एजेंसियां प्रारंभिक स्तर की परीक्षा यानी सीईटी स्कोर के आधार पर भर्ती के लिए आगे बढ़ेंगी और उसके बाद शारीरिक परीक्षण और चिकित्सा परीक्षण होगा। इससे अभ्यर्थियों को नौकरी देने में लगने वाले समय में कमी आएगी।
भारत में अब कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या से डरनेे की जरूरत नहीं, आ गई अच्छी खबर 3. सीईटी स्नातक, उच्च माध्यमिक (12 वीं) और मैट्रिक (10 वीं) स्तरों के लिए अलग-अलग से आयोजित किया जाएगा। परीक्षा के प्रत्येक स्तर में एक सामान्य पाठ्यक्रम होगा और यह उस स्तर के लिए स्क्रीनिंग (प्रारंभिक) परीक्षा के रूप में काम करेगा।
4. जो अभ्यर्थी एक बार सीईटी क्लीयर करते हैं, वे (हर साल एक बार) दूसरे स्तर की परीक्षा (मेंस) के लिए तीन बार प्रयास करने के लिए पात्र होंगे। उन्हें तीन साल के लिए फिर से पीटी/स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए उपस्थित नहीं होना पड़ेगा। वर्तमान में जो लोग पीटी पास कर लेते हैं और मुख्य परीक्षा (टियर 2) में फेल हो जाते हैं, उन्हें अगले साल फिर से पीटी के लिए उपस्थित होना पड़ता है और नए सिरे से शुरुआत करनी होती है। इस तरह, सीईटी उनका समय और ऊर्जा बचाएगा।
5. एक उम्मीदवार द्वारा ऊपरी आयु सीमा के अलावा सीईटी में उपस्थित होने के लिए किए जाने वाले प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। ऊपरी आयु सीमा में छूट अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार दी जाएगी।
6. उम्मीदवारों को केंद्रों का विकल्प देने की सुविधा होगी और उन्हें उपलब्धता के आधार पर चुने गए केंद्र आवंटित किए जाएंगे। उन्हें अपनी पसंद के केंद्रों पर अपना परीक्षा शेड्यूल चुनने का विकल्प दिया जाएगा। अंतिम उद्देश्य एक ऐसे चरण तक पहुंचना है जिसमें उम्मीदवार अपनी पसंद के केंद्रों पर अपनी परीक्षा दे सके।
7. सरकार ने एनआरए के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। व्यय तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगा। बड़ी संख्या में उम्मीदवारों वाले 117 जिलों में परीक्षा के बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए भी रकम खर्च की जाएगी। इस प्रस्ताव से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों की पहुंच आसान होने की उम्मीद है।
भारत में अब कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या से डरनेे की जरूरत नहीं, आ गई अच्छी खबर 8. उम्मीदवारों को अपने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए यात्रा, बोर्डिंग, ठहरने के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं उठाना पड़ेगा जो कि आमतौर पर उनके गृह नगर से दूर होते हैं। एकल परीक्षा से उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ कम होगा।
9. हर जिले में परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता से महिला उम्मीदवारों को भी लाभ होगा। लड़कियां अगर परीक्षा केंद्र उनके निवास से बहुत दूर हैं, तो वहां तक पहुंचने में आम तौर पर अभिभावक (पिता/भाई/पति) पर निर्भर रहती है। हर जिले में परीक्षा केंद्रों की मौजूदगी उम्मीदवारों, विशेषकर महिलाओं को लाभान्वित करेगा।
10. CET देश के विभिन्न क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने वाली कई भाषाओं में उपलब्ध होगी। वर्तमान में, अधिकांश परीक्षाएं अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में आयोजित की जाती हैं। 11. एनआरए का मुख्यालय दिल्ली में होगा और इसकी अध्यक्षता सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे। एनआरए में रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रतिनिधि गवर्निंग बोर्ड का हिस्सा होंगे। इसके अलावा CET की मेरिट सूची अंततः NRA द्वारा राज्यों को लागत साझा करने के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी। इससे राज्यों को भी सरकारी नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी भर्ती करने में मदद मिलेगी।